सदन में गूंजा बंदरों के आतंक का मुद्दा, कमल विहार योजना को आम लोगों के लिए खोलने की मांग | cg assembly bugdet session

सदन में गूंजा बंदरों के आतंक का मुद्दा, कमल विहार योजना को आम लोगों के लिए खोलने की मांग

सदन में गूंजा बंदरों के आतंक का मुद्दा, कमल विहार योजना को आम लोगों के लिए खोलने की मांग

सदन में गूंजा बंदरों के आतंक का मुद्दा, कमल विहार योजना को आम लोगों के लिए खोलने की मांग
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: February 21, 2019 11:12 am IST

रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन आज सदन में बंदरों के आतंक का भी मुद्दा उठाया गया। कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय ने अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे को उठाया, साथ ही उन्होंने पूर्व सरकार के कमल विहार योजना को सफेद हाथी की उपमा दे डाली। साथ ही इसे आम लोगों के लिए खोलने की मांग किया गया।

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विकास उपाध्याय ने कहा कि अटारी और जरवाय में 100 से ज्यादा बंदरों का आतंक है। विधायक ने मांग की कि इन बंदरों को नंदनवन में शिफ्ट करने की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि बंदरों के आतंक से निजात मिल सके। इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में काले धुएं की वजह से लोगों के बीमार होने का मसला भी उठाया और मंत्री का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया।

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विपक्ष ने कांग्रेस सरकार के महापुरुषों के नाम से शुरू की गई योजना का नाम बदलने के निर्णय की निंदाकी। नगरीय प्रशासन विभाग के बजट अनुदान मांगों की चर्चा में शामिल होने से इंकार किया। भाजपा सदस्यों ने कहा वे पूरी चर्चा को शांति से सुनेंगे। संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे और भूपेश बघेल ने भाजपा सदस्यों से चर्चा में भाग लेने की अपील की। अध्यक्ष ने कहा कि ये उचित परम्परा नहीं है, चर्चा जारी रखने का निर्णय लिया।

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बृजमोहन ने अध्यक्ष से कहा कि अगर आप चाहेंगे तो हम सदन से बाहर चले जाएंगे। अध्यक्ष ने बीजेपी सदस्यों से फिर से अपने निर्णय पर विचार करने की बात कही। दीनदयाल उपाध्याय, विजयाराजे सिंधिया के नाम पर चल रही योजनाओं को बदला गया है।

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