छत्तीसगढ़: मल्कानगिरी में 100 जान लेने के बाद बस्तर पहुंचा "जापनी बुखार" | Chhattisgarh again in the grip of Japanese fever

छत्तीसगढ़: मल्कानगिरी में 100 जान लेने के बाद बस्तर पहुंचा “जापनी बुखार”

छत्तीसगढ़: मल्कानगिरी में 100 जान लेने के बाद बस्तर पहुंचा "जापनी बुखार"

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : December 7, 2017/11:10 am IST

बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में जापानी बुखार पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद अब एक अन्य मामला सुकमा जिले का सामने आया है, जहां जापानी बुखार पॉजिटिव पाया गया है, दोरनापाल के रहने वाले 3 साल के बच्चे को जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए रेफर किया गया है, इधर जापानी बुखार के लगातार मिल रहे मरीजों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करने के साथ ही संबंधित गांव में सर्वे का भी काम शुरु किया है, गौरतलब है, कि जापानी बुखार की वजह से ही बीते वर्ष मल्कानगिरी में 100 के करीब बच्चों की असमय मौत हो गई थी।

जापानी बुखार की जद में बस्तर, 1 बच्ची की मौत 3 के सैंपल पॉजिटिव

दंतेवाड़ा के गदापाल में बच्चे की मौत के साथ बीजापुर में 3 बच्चे जापानी बुखार से पीड़ित पाए गए हैं, वहीं सुकमा जिले से भी एक मरीज जापानी बुखार पॉजिटिव पाया गया है, पूरे दक्षिण बस्तर इलाके में जापानी बुखार का खौफ मंडराने लगा है, जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चों में जापानी बुखार का असर देखा जाता है, और हाल में ही मल्कानगिरि इलाके में जापानी बुखार की वजह से करीब 100 बच्चों की असमय मौत हो गई थी, इधर एक बच्चे की मौत की पुष्टि बस्तर से हुई है, स्वास्थ्य विभाग का कहना है, कि हालात पर काबू पाने के लिए मेडिकल कॉलेज की टीम सैंपल कलेक्शन के लिए संबंधित इलाकों में रवाना की गई है।

बस्तर में बढ़ रही जापानी बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या

स्वास्थ विभाग का दावा है, कि डोर टू डोर सर्वे इन इलाकों में करवाया जा रहा है, हालांकि यह इलाके नक्सल प्रभावित हैं और यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम को काम करने में अड़चनें आ रही हैं, हालांकि टीमों को रवाना कर दिया गया है, और डोर-टू-डोर सैंपल लेने के अलावा दवा का छिड़काव भी ग्रामीण इलाकों में करवाया जा रहा है। जापानी बुखार के लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं, जो की गंभीर है, क्योंकि इन इलाकों में जहां यह प्रकरण सामने आए हैं, वहां स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ प्रशासनिक ढांचा भी काम नहीं करता, ऐसे में हालात ज्यादा चिंताजनक हो सकते हैं।

 

वेब डेस्क, IBC24