मनरेगा में दिव्यांगों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्यों में शुमार, कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ छठवें पायदान पर

मनरेगा में दिव्यांगों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्यों में शुमार, कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ छठवें पायदान पर

मनरेगा में दिव्यांगों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ प्रमुख राज्यों में शुमार, कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ छठवें पायदान पर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:25 pm IST
Published Date: December 7, 2019 11:32 am IST

रायपुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में दिव्यांगों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देश में छठवें स्थान पर है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवम्बर तक यहां 22 हजार 966 दिव्यांगों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है। इस दौरान इनके लिए पांच लाख तीन हजार 208 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है।

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राज्य में मनरेगा में आम लोगों के साथ ही दिव्यांगों को भी रोजगार उपलब्ध कराने में छत्तीसगढ़ देश के कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए लगातार शीर्षस्थ राज्यों में शुमार है। दिव्यांगों को रोजगार के मामले में आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू, तेलंगाना, मध्यप्रदेश और पश्चिम बंगाल क्रमशः पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे एवं पांचवें स्थान पर है।

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पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने योजना के जरिए दिव्यांगों को मुख्य धारा से जोड़ने और इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की संवेदनशीलता की सराहना करते हुए इस उपलब्धि के लिए उनकी पीठ थपथपाई है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों को रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलने से आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ने के साथ ही उनका जीवन भी आसान होगा। अन्य योजनाओं में भी उन्हें रोजगार के ज्यादा मौके मिल सके, इसकी पहल की जाएगी।

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दिव्यांगों को इस योजना में रोजगार के समान अवसर देकर समाज की मुख्य धारा में उनकी सशक्त मौजूदगी सुनिश्चित की जा रही है। पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी 30 हजार 702 दिव्यांगों को मनरेगा के अंतर्गत रोजगार मुहैया कराया गया था। इस दौरान उनके लिए आठ लाख 90 हजार 264 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया था।

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मनरेगा में दिव्यांगों को भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं। उन्हें विशेष श्रेणी वाले रंगीन जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। उनकी मांग पर योजना के अंतर्गत पंजीकृत दिव्यांगों को उनके लिए सुविधाजनक कार्य उपलब्ध कराया जाता है। दिव्यांगों की सुगमता के लिए मनरेगा के तहत बनने वाले भवनों जैसे भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र, आंगनबाड़ी भवन तथा खाद गोदामों में निःशक्त व्यक्तियों के आवागमन के लिए बाधारहित मार्ग का निर्माण भी प्राथमिकता से किया जाता है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com