सीएम भूपेश बघेल ने कहा वनवासियों के अधिकार, स्वावलंबन और सम्मान से जुड़ा है वन अधिकार अधिनियम, अधिकाधिक लाभ​ दिलाने के दिए निर्देश | Chief Minister Bhupesh Baghel said that the Forest Rights Act is related to the rights, self-reliance and respect of the forest dwellers,

सीएम भूपेश बघेल ने कहा वनवासियों के अधिकार, स्वावलंबन और सम्मान से जुड़ा है वन अधिकार अधिनियम, अधिकाधिक लाभ​ दिलाने के दिए निर्देश

सीएम भूपेश बघेल ने कहा वनवासियों के अधिकार, स्वावलंबन और सम्मान से जुड़ा है वन अधिकार अधिनियम, अधिकाधिक लाभ​ दिलाने के दिए निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : March 7, 2020/3:19 pm IST

रायपुर। सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि वन क्षेत्रों आदिवासी और अन्य परंपरागत वनवासियों को वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम का बेहतर क्रियान्वयन कर अधिक से अधिक लाभ दिलाया जाए। इनमें पात्रता रखने वाले सभी दावाकर्ताओं चाहे वे अनुसूचित जनजाति के हो अथवा अन्य परंपरागत वन निवासी हो, उन्हें नियमानुसार काबिज वन भूमि के साथ ही खाद्य सुरक्षा तथा आजीविका संबंधी सुविधाओं का भी भरपूर लाभ दिलाएं। उन्होंने कहा कि वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम का समुचित क्रियान्वयन हमारी सरकार की प्राथमिकता में है। इसके लिए व्यक्तिगत दावों के अलावा सामुदायिक अधिकारों के प्रकरणों पर भी तेजी से कार्य करने की जरूरत है।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज राजधानी के ठाकुर प्यारे लाल राज्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान निमोरा में अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए आयोजित राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उक्ताशय के विचार व्यक्त किए। उन्होंने कार्यक्रम में ‘वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका‘ पुस्तिका का विमोचन भी किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा 5 से 7 मार्च तक किया गया था।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आगे कहा कि वास्तव में इस अधिनियम के प्रावधान अनुसूचित जनजाति तथा परंपरागत वन निवासी परिवारों को उनके अधिकार, स्वावलंबन और सम्मान का जीवन दिलाने के लिए हैं। इसके मद्देनजर अधिनियम के प्रावधानों का सही ढंग से क्रियान्वयन कर उन्हें अधिक से अधिक लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। इसके लिए प्रदेश में वर्तमान सरकार द्वारा कृत संकल्पित होकर पात्र दावेदारों को सहजता से जोड़कर लाभ दिलाया जा रहा है। यही वजह है कि विगत एक साल के भीतर काफी तादाद में पात्र हितग्राहियों को सही ढंग से लाभ मिलने लगा है। इससे लोगों का सरकार के प्रति विश्वास भी बढ़ा है।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आदिवासी तथा वनवासियों की भलाई के लिए हमारी सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। हमारी मंशा है कि जंगल में रहने वाले आदिवासी और गैर आदिवासी सिर्फ जंगल पर ही निर्भर न रहे, इसके लिए संचालित योजनाओं के माध्यम से उन्हें आजीविका के विभिन्न साधनों से तेजी से जोड़ा जा रहा है। इससे वनों पर दबाव कम होगा और वन तथा पर्यावरण सुरक्षित भी रहेंगे। उन्होंने बताया कि पहले केवल 8 लघु वनोपजों की खरीदी होती थी, जिसे हमारी सरकार द्वारा ने बढ़ाकर 22 कर दिया है। साथ ही लघु वनोपजों के प्रसंस्करण की सुविधा भी वनवासियों को मुहैया कराई जा रही है।

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इसके अलावा लोगों को स्वस्थ तथा समृद्ध बनाने के लिए आदिवासी बहुल बस्तर क्षेत्र में मलेरिया मुक्त बस्तर कार्यक्रम, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान तथा हाट बाजार क्लीनिक आदि योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने इस दौरान वनों में आगामी बरसात के महीने में फल-फूल तथा साग-भाजी के बीजों का अधिक से अधिक हवाई छिड़काव तथा बोनी सुनिश्चित करने के संबंध में भी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इससे लोगों के साथ-साथ वन्य प्राणीयों को भी भोजन की सुगमता से उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

 
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