रायपुर, छत्तीसगढ़। ‘टूलकिट’ का मामला तूल पकड़ा हुआ है। पूर्व सीएम रमन ने ट्वीट कर कहा है कि ट्विटर के पास सबूत है तो दिल्ली पुलिस को जबाव दें। साथ ही सवाल किया है कि दिल्ली पुलिस को जवाब देने में उसकी सांसे क्यों फूल रही है।
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#ToolkitCase में जब @Twitter के पास कार्यवाई करने के पर्याप्त सबूत हैं तो फिर दिल्ली पुलिस को जवाब देने में उसकी सांसे क्यों फूल रही हैं।
नोटिस मिलते ही ट्विटर के संबंधित अधिकारी गायब हो गए, अब इनकी पैरवी करने वाले @RahulGandhi और @bhupeshbaghel बताएंगे ये सब कहां छुपे हैं? https://t.co/7eBXF7ay4z pic.twitter.com/RSV5NHc8mZ
— Dr Raman Singh (@drramansingh) May 25, 2021
रमन ने आगे लिखा है कि नोटिस मिलते ही ट्विटर से संबंधित अधिकारी गायब हो गए। अब इनकी पैरवी करने वाले बताएं कि ये सब कहां छुपे हुए हैं। बता दें कि टूलकिट का मामला देशभर के साथ छत्तीसगढ़ की सियासत में भी घमासान मचाया हुआ है।
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आपको इससे पहले सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर रमन सिंह और आरएसएस पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि ‘सांच को आंच नहीं’ ट्विटर ने रमन सिंह के कथित टूलकिट को मैनिपुलेटेड मीडिया बताया है। उन्होंने आगे लिखा है कि ‘हजार बार झूठ बोलने से झूठ सच हो जाता है, ऐसी संघ शिक्षा अब काम न आएगी’। आपको बता दें देशभर में टूलकिट को लेकर भाजपा-कांग्रेस के बीच तकरार जारी है।
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क्या है टूलकिट?
दरअसल, टूलकिट को अगर हम आसान भाषा में समझें तो ये एक प्रकार का गूगल डॉक्यूमेंट होता है। जिसमें विस्तार से किसी खास मुद्दे के बारे में बताया जाता है। ताकी लोग उसे पढ़कर आसानी से समझ सकें कि आखिर देश या समाज में जो ज्वलंत मुद्दा चल रहा है वह क्यों चल रहा है। साथ ही साथ इसमें ये भी बताया जाता है कि अगर कोई समस्या है तो इसके समाधान के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं।
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इस किट में एक्शन प्वाइंट्स लिखे जाते हैं। ताकि कोई भी इंसान उसको फॉलो करके आंदोलन के साथ जुड़ सकता है। खासकर टूलकिट का इस्तेमाल सोशल मीडिया के लिए किया जाता है। इसमें कैंपेन स्ट्रैटजी के अलावा किसी आंदोलन या प्रदर्शन को कैसे किया जाए इसके तहत जानकारी दी जाती है। दुनिया में इस वक्त कई आंदोलन चल रहे हैं। इन सभी आंदोलनों को टूलकिट के माध्यम से ही चलाया जा रहा है। चाहे वो ब्लैक लाइव्स मैटर हो या अमेरिका का एंटी-लॉकडाउन प्रोटेस्ट सभी आंदोलन में टूलकिट का इस्तेमाल किया गया है।
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किसान आंदोलन में पहली बार हुई चर्चा
भारत में पहली बार टूलकिट की चर्चा किसान आंदोलन के दौरान हुई थी। जब बेंगलुरू की पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ्तार कर लिया गया था। एक बार फिर से टूलकिट चर्चा में है। इस बार बीजेपी ने कांग्रेस पर कथित रूप से टूलकिट जारी करने और पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए कोरोना महामारी का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
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