छात्रों की फीस वसूली को लेकर असमंजस में निजी स्कूल, संचालकों पर मंडरा रहा शिक्षकों को सैलरी देने का संकट

छात्रों की फीस वसूली को लेकर असमंजस में निजी स्कूल, संचालकों पर मंडरा रहा शिक्षकों को सैलरी देने का संकट

छात्रों की फीस वसूली को लेकर असमंजस में निजी स्कूल, संचालकों पर मंडरा रहा शिक्षकों को सैलरी देने का संकट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: June 22, 2020 4:41 pm IST

रायपुर। प्रदेश के प्राइवेट स्कूल, फीस को लेकर आए दिन नए आदेशों से असमंजस की स्थिति में है कि फीस लें या नहीं। पहले केंद्र की ओर से सर्कुलर जारी हुआ था कि ट्युशन फी ले सकते हैं, लेकिन हाल ही में जिला शिक्षा कार्यालय से सभी निजी स्कूलों को फीस ना लेने का आदेश जारी हुआ है। आदेशानुसार लॉकडाउन के दौरान फीस लेने पर मान्यता रद्द होने तक जैसी कार्रवाई की जा सकती है।

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आदेश में साफ तौर पर लिखा है कि कोई भी निजी स्कूल मोबाइल के जरिए या पालकों को बुलाकर फीस के लिए दबाव नहीं बना सकते। देखा जा रहा था कि प्राइवेट स्कूल लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर फीस वसूल रहे थे। जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने फीस नहीं लेने को लेकर आदेश जारी किया था। फीस लेने ना लेने के बीच निजी स्कूलों के सामने आर्थिक समस्याएं सामने आ रही है। जिसमें सबसे ज्यादा स्कूल के शिक्षकों को सैलरी देना निजी स्कूलों के लिए परेशानी बन गया है।

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निजी स्कूल संचालकों की मानें तो लॉकडाउन के पहले की किश्त भी पालकों ने जमा नहीं की है जिसके वजह से स्कूलों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि फीस नहीं मिल रही है लेकिन ऑनलाइन क्लास लेने वाले शिक्षकों को सैलरी देनी पड़ती है। यही नहीं फीस नहीं मिलने की वजह से स्कूल मेंटेनेंस सहित तमाम खर्चों को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com