इंदौर (मध्यप्रदेश), नौ फरवरी (भाषा) इंदौर में गत एक जनवरी को हास्य कलाकार मुनव्वर फारूकी के विवादास्पद कार्यक्रम के आयोजन में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार 23 वर्षीय व्यक्ति को नियमित जमानत देने से जिला अदालत ने मंगलवार को इनकार कर दिया।
फारूकी को उच्चतम न्यायालय से चार दिन पहले ही अंतरिम जमानत मिलने का हवाला देते हुए सदाकत खान (23) ने समानता के न्यायिक सिद्धांत के आधार पर इंदौर की सत्र अदालत से जमानत प्रदान करने का अनुरोध किया था।
खान के मुताबिक, वह पेशे से सिविल इंजीनियर हैं और मुंबई की एक कम्पनी में काम करते हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश यतीन्द्र कुमार गुरु ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद नियमित जमानत के लिए सह आरोपी खान की अर्जी खारिज कर दी।
सत्र न्यायालय नियमित जमानत के लिए खान का पहला आवेदन 11 जनवरी को निरस्त कर चुका है। वह विवादास्पद हास्य कार्यक्रम के मामले में गिरफ्तारी के बाद तीन जनवरी से एक स्थानीय जेल में बंद हैं।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत के कुछ पुराने न्याय दृष्टातों का हवाला देते हुए मंगलवार को पारित आदेश में कहा कि प्रकरण की परिस्थितियों में परिवर्तन के बिना खान का दूसरा जमानत आवेदन स्वीकार किया जाना कानूनों के मुताबिक न्यायोचित नहीं होगा।
खान के वकील सुरेंद्र कुमार वर्मा की ओर से अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के सामने उच्चतम न्यायालय का पांच फरवरी का वह आदेश प्रस्तुत किया गया जिसमें निचली अदालत से कहा गया था कि वह फारूकी को अंतरिम जमानत पर रिहा करे। इस आदेश के हवाले से खान की ओर से कहा गया कि उन्हें ‘न्यायिक समानता के आधार पर’ जमानत का लाभ दिया जाए।
उधर, अतिरिक्त लोक अभियोजक संजय शर्मा ने इस दलील पर आपत्ति जताते हुए कहा कि फारूकी के मामले में शीर्ष अदालत का चार दिन पहले जारी आदेश अंतरिम प्रकृति का है और इस अंतरिम आदेश के आधार पर खान को नियमित जमानत के लिए न्यायिक समानता का लाभ नहीं दिया जा सकता।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा की स्थानीय विधायक मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारूकी और विवादास्पद हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था।
विधायक पुत्र का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां की गई थीं।
अभियोजन का कहना है कि खान शहर के एक कैफे में एक जनवरी को आयोजित विवादास्पद कार्यक्रम में फारूकी के साथ शामिल थे और गौड़ द्वारा इस कार्यक्रम पर आपत्ति जताए जाने पर खान व उनके साथियों ने कथित तौर पर गाली-गलौज की थी।
दूसरी ओर, खान का कहना है कि उसे इस मामले में बेवजह फंसाया गया है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर फारुकी को यहां बेहद नाटकीय घटनाक्रम के दौरान केंद्रीय जेल से मीडिया की निगाहों से बचाते हुए छह फरवरी को देर रात रिहा किया गया था।
भाषा हर्ष शफीक
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