मुंबई, 18 सितंबर (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब दाखिल करने को कहा है जिसमें कोविड-19 के मरीजों के उपचार में काम आने वाली दवा उन अस्पतालों, आइसोलेशन केंद्रों, पृथक-वास केंद्रों पर सीधे उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया है जहां मरीजों को भर्ती किया जा रहा है।
न्यायमूर्ति के. के. तातेड़ ने गैर सरकारी संगठन ऑल महाराष्ट्र ह्यूमन राइट्स वेलफेयर संगठन की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त निर्देश दिया।
याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 के उपचार में काम आने वाली जरूरी दवाएं जैसे रेमडेसिविर, एक्टेमरा नाम का इंजेक्शन, चुनिंदा केमिस्ट के पास ही उपलब्ध हैं जिसकी वजह से मरीज का इलाज शुरू होने में देर लग जाती है।
याचिकाकर्ता प्रशांत पांडे ने अदालत से कहा कि मरीज के परिजन को दवाएं लानी पड़ती है और कई बार तो कीमत से अधिक पैसा देना पड़ता है। इन दवाओं को अस्पतालों और पृथक-वास केंद्रों पर उपलब्ध करवाया जाने पर समय बचाया जा सकेगा।
अदालत ने राज्य सरकार से दो अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
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मानसी शाहिद
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