ठाकरे सरकार से वित्तीय सहायता पाने वाले मदरसों को बंद करने का साहस दिखाएं:भाजपा विधायक

ठाकरे सरकार से वित्तीय सहायता पाने वाले मदरसों को बंद करने का साहस दिखाएं:भाजपा विधायक

ठाकरे सरकार से वित्तीय सहायता पाने वाले मदरसों को बंद करने का साहस दिखाएं:भाजपा विधायक
Modified Date: November 29, 2022 / 08:22 pm IST
Published Date: October 15, 2020 11:40 am IST

मुंबई, 15 अक्टूबर (भाषा) भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिख कर राज्य सरकार से वित्तीय सहायता पाने वाले मदरसों को बंद करने का साहस दिखाने और अपनी ‘हिंदुत्ववादी पहचान’ साबित करने को कहा है।

ठाकरे और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बीच जुबानी जंग छिड़ने के बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री पर अपना हमला तेज कर दिया है। दरअसल, कुछ ही दिन पहले राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य में पूजा स्थलों को खोले जाने का आग्रह करते हुए कहा था कि क्या शिवसेना प्रमुख अचानक धर्मनिरपेक्ष हो गये हैं।

ठाकरे ने कोश्यारी के पत्र का जवाब देते हुए मंगलवार को कहा कि वह अनुरोध पर विचार करेंगे, लेकिन जोर देते हुए यह भी कहा कि उन्हें ‘‘अपने हिंदुत्व’’ के लिये राज्यपाल के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है।

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भाजपा विधायक ने अपने पत्र में कहा है, ‘‘ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कहते हैं कि उन्हें अपनी हिंदुत्ववादी पहचान साबित करने के लिये किसी के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है, ऐसे में उन्हें राज्य सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त कट्टरपंथी धार्मिक शिक्षाएं देने वाले मदरसों को बंद करने का साहसिक कदम उठाना चाहिए।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ ये संस्थान किसी तरह की आधुनिक शिक्षा नहीं देते और सिर्फ एक धर्म की शिक्षा देते हैं। करदाताओं के पैसों से ऐसे संस्थान संचालित करना गलत है।’’

उत्तर मुंबई से भाजपा विधायक ने यह भी कहा कि मुस्लिम समुदाय के छात्रों को (बैंक खाते में) सीधे छात्रवृत्ति दी जानी चाहिए, ताकि वे मुख्य धारा के स्कूलों में शिक्षा प्राप्त कर सकें।

उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह का फैसला लेने को लेकर मैं असम सरकार को बधाई देता हूं। ’’

उन्होंने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री से इसी तरह की मांग करते हुए मदरसों को प्रतिबंधित करने और छात्रों एवं धार्मिक उपदेशकों को छात्रवृत्ति देने का अनुरोध किया था।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को इन संस्थानों को वित्त मुहैया करना जारी रखने के लिये किसी दबाव के आगे नहीं झुकना चाहिए। ’’

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश


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