जगदलपुर। धर्म परिवर्तन करने वाले आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए, यह बयान देकर नया शिगूफा छोड़ दिया है बस्तर सांसद दिनेश कश्यप ने। उनका कहना है, ‘देखने में आ रहा है कि बस्तर जैसे इलाकों में लगातार आदिवासी धर्म परिवर्तन कर रहे हैं ऐसे में उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं देना चाहिए। इधर कांग्रेस के नेताओं ने भी धर्मांतरण का विरोध किया है लेकिन आरक्षण पर खुलकर कुछ भी कहने से बचते दिखाई दिए।
क्या धर्म परिवर्तन कर निकाले आदिवासियों को आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। आदिवासी समाज और बस्तर सांसद दिनेश कश्यप ने इस बात का ऐलान किया है कि सरकार को ऐसे आदिवासी जिन्होंने अपना धर्म बदल दिया, उन्हें आरक्षण नहीं देना चाहिए। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह बात कही कि आदिवासियों में धर्मांतरण बढ़ा है और अगर कोई आदिवासी समुदाय से अलग होकर नया धर्म अपनाता है तो उसे आरक्षण का लाभ भी नहीं दिया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें : किशोर कुमार के मकान को लेकर विवाद, बेटा और भतीजा आए आमने-सामने
विधानसभा चुनाव इसी वर्ष होने हैं, इसे देखते हुए यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है।वहीं कांग्रेस नेता और उप नेता प्रतिपक्ष कवासी लखमा भी इस बयान से बचते दिखाई दिए। उन्होंने धर्मांतरण का तो विरोध किया, लेकिन आरक्षण के मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचते रहे। दिनेश कश्यप के बयान पर उन्होंने यह जरूर कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता चुनाव आने पर बैठकर राजनीति करते हैं और दिनेश कश्यप का यह बयान यही साबित करता है।
बस्तर सांसद दिनेश कश्यप का यह बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सर्व आदिवासी समाज ने भी इस बयान का समर्थन किया है, पर यह भी सही है कि बस्तर में बड़ी संख्या में आदिवासियों का धर्मांतरण भी हुआ है। ऐसे में चुनाव से पहले इस बयान के भी अर्थ निकाले जा रहे हैं।
वेब डेस्क, IBC24