एलगार मामला : उच्च न्यायालय ने नवलखा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

एलगार मामला : उच्च न्यायालय ने नवलखा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

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  • Publish Date - December 16, 2020 / 02:45 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

मुंबई, 16 दिसंबर (भाषा) एलगार परिषद-कोरेगांव भीमा मामले में आरोपी एवं जेल में कैद मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय से कहा कि उनके द्वारा नजरबंदी में बिताए गए समय को भी हिरासत में बिताई गई अवधि मानी जाए।

उन्होंने वैधानिक जमानत के लिये याचिका दायर की है। हालांकि, अदालत ने उनकी याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

नवलखा के वकील कपिल सिब्बल और मामले में अभियोजन एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के वकील ने याचिका पर न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एमएस कार्णिक की पीठ के समक्ष मौखिक दलीलें पेश की।

नवलखा ने एक विशेष अदालत द्वारा उनकी वैधानिक जमानत की याचिका इस साल 12 जुलाई को खारिज किये जाने बाद उच्च न्यायालय का रुख किया है।

उन्होंने विशेष अदालत के समक्ष इस आधार पर वैधानिक जमानत के लिये याचिका दायर की थी कि वह 90 दिनों से भी ज्यादा समय से हिरासत में हैं, लेकिन अभियोजन इस मामले में तय समय में आरोप-पत्र दाखिल करने में नाकाम रहा है।

एनआईए ने हालांकि कहा था कि उनकी याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप-पत्र दाखिल करने के लिये और समय मांगा था।

भाषा

प्रशांत सुभाष

सुभाष