मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों का डीए वापस लेने के फैसले पर कर्मचारी संगठनों में रोष

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों का डीए वापस लेने के फैसले पर कर्मचारी संगठनों में रोष

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों का डीए वापस लेने के फैसले पर कर्मचारी संगठनों में रोष
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: May 21, 2017 11:42 am IST

 

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कर्मचारियों को ७ फीसदी डीए के आदेश वापस लिए जाने के मामले में कर्मचारी संगठनो ने इस मामले में दोषी अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही की बात कही है ! राज्य सरकार अपने कर्मचारियों को एक जनवरी 2017 से 7 फीसदी डीए देने का आदेश वापस लेने जा रही है। अब यह 4 फीसदी होगा।

दरअसल, केंद्र सरकार ने डीए देने के संबंध में दो आदेश निकाले। इसमें पहला सातवां वेतनमान पा रहे कर्मचारियों को 1 जनवरी से 2 प्रतिशत डीए दिया जाना है। दूसरे आदेश के अनुसार, केंद्र के ऐसे उपक्रम जिनमें अभी भी छठवां वेतनमान मिल रहा है, उन्हें 4 प्रतिशत डीए दिया जाना है। आदेश 7 अप्रैल, 2017 को जारी किया गया था। राज्य सरकार भी केंद्र के अनुसार ही डीए तय करती है।

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लेकिन केंद्र के दो आदेशों के फेर में वित्त विभाग ने 7 प्रतिशत डीए कैबिनेट से मंजूर करवा लिया। अब संशोधित आदेश के अनुसार, कर्मचारियों को चार प्रतिशत डीए ही मिलेगा। इस पूरे मामले में मध्यप्रदेश शासकीय कर्मचारी संघ के नेताओ ने सरकार की नौकरशाही पर सवाल उठाते अधिकारियो पर कार्यवाही की मांग की है !कमर्चारी नेताओ का कहना है की सम्भवतः यह पहला मौका है जब सरकार मंहागई भते में कमी कर रही है।

उन्होंने कहा कि 4 प्रतिशत के स्थान पर 7 प्रतिशत का प्रस्ताव मंत्री परिषद को गया और वहां से पास होकर आदेश भी जारी हो गया। यह बताता है कि यहां की ब्यूरोक्रेसी किस तरह कार्य कर रही है। किसी भी अधिकारी ने गलती नहीं पकड़ी। ऐसी लापरवाही पर कार्रवाई होनी चाहिए।वंही पूरे मामले में कर्मचारियों की नारजगी को सरकार प्रशासन मंत्री लाल सिंह आर्य ने इंकार किया है !लाल सिंह ने कहा है की प्रदेश के कर्मचारी समझदार है ऐसे में नाराजगी का सवाल नहीं है।


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