कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी : कहा- परिवार के मोह से ऊपर उठकर संगठन चलाएं | Expelled Congress leaders write to Sonia Gandhi: Rise above family fascination and run organization

कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी : कहा- परिवार के मोह से ऊपर उठकर संगठन चलाएं

कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी : कहा- परिवार के मोह से ऊपर उठकर संगठन चलाएं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : September 6, 2020/12:06 pm IST

लखनऊ, छह सितम्बर (भाषा) अनुशासनहीनता के आरोप में पिछले साल कांग्रेस से निष्कासित नेताओं के एक वर्ग ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर उनसे ‘परिवार के मोह’ से ऊपर उठकर दल के संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को बहाल करते हुए उसे चलाने का आग्रह किया है।

निष्कासित नेताओं में से पूर्व सांसद संतोष सिंह और पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी समेत नौ नेताओं ने दो सितम्बर को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारधारा के साथ कांग्रेस और देश को बनाया है, लेकिन विडम्बना यह है कि पिछले कुछ समय से पार्टी जिस तरह से चल रही है उससे पार्टी कार्यकर्ताओं में असमंजस और अवसाद की स्थिति बन गई है।

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पत्र में नेताओं ने कहा कि ऐसे में जब देश लोकतांत्रिक मूल्य और सामाजिक सद्भाव के ताने-बाने के बिखराव के संकट से गुजर रहा है, कांग्रेस का जीवंत, गतिशील और मजबूत बने रहना देश के लिए आवश्यक है।

पत्र में नेताओं ने अपने निष्कासन की तरफ इशारा करते हुए कहा, ”संवाद के अभाव में पार्टी हित का चिंतन करना और सुझाव देना अनुशासनहीनता नहीं होती। ऐसे हालात को संज्ञान में लेकर उनका निदान करने के बजाए उन्हें भाजपा का आवरण पहनाना खुद को धोखा देने के बराबर है।”

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उसमें सोनिया गांधी से कहा गया है, ‘आप परिवार के मोह से ऊपर उठकर परंपराओं के अनुसार विचारों की अभिव्यक्ति के साथ-साथ पार्टी के संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली और परस्पर विश्वास तथा संवाद कायम कर संगठन को चलाएं। अगर आप अपने दायित्व से विमुख होती हैं तो कांग्रेस इतिहास की वस्तु बन जाएगी।’

इन नेताओं ने कहा है कि आज देश में कांग्रेस संवादहीनता, अनिर्णय, अनिश्चय और आंतरिक लोकतंत्र तथा विचारों की अभिव्यक्ति के अभाव में अपने अस्तित्व के संकट के कठिन दौर से गुजर रही है।

उन्होंने सोनिया से कहा, ”संवादहीनता का आलम यह है कि दूसरे प्रदेशों को छोड़िए आप के गृह प्रदेश उत्तर प्रदेश में ही संगठन की घटनाएं पार्टी अध्यक्ष के संज्ञान में नहीं लाई जा रही हैं या फिर आपने सब जानते हुए भी आंखें बंद कर ली हैं।”

इन नेताओं ने अपने निष्कासन का जिक्र करते हुए पत्र में कहा कि एक वर्ष बीतने को है मगर अनुरोध के बावजूद उन्हें मिलने का समय नहीं दिया गया। पार्टी की केंद्रीय अनुशासन समिति भी कुछ नहीं सुन रही है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस कार्यालय में ताला बंद है।

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गौरतलब है कि पिछले साल नवम्बर में पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी, रामकृष्ण द्विवेदी, पूर्व सांसद संतोष सिंह, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, विनोद चौधरी, नेक चंद्र पाण्डेय, पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेंहदी, युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश गोस्वामी और वरिष्ठ नेता राजेन्द्र सिंह सोलंकी तथा संजीव सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था।

इन नेताओं की दलील है कि वे अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य हैं लिहाजा उत्तर प्रदेश में पार्टी की अनुशासन समिति उन्हें निष्कासित नहीं कर सकती है।