रेलवे का ‘त्रिनेत्र सिस्टम’ पड़ा ठंडे बस्ते में, कोहरे ने फिर बिगाड़ी रेलवे की चाल, कई घंटे लेट हो रही ट्रेनें

रेलवे का 'त्रिनेत्र सिस्टम' पड़ा ठंडे बस्ते में, कोहरे ने फिर बिगाड़ी रेलवे की चाल, कई घंटे लेट हो रही ट्रेनें

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  • Publish Date - December 18, 2019 / 03:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

जबलपुर। भारतीय रेल्वे की एक अहम योजना आज तक अधूरी होने से एक बार फिर कोहरे ने ट्रेनों की चाल बिगाड़ दी है। रेल्वे ने साल 2016 में ट्रेनों को त्रिनेत्र सिस्टम से लैस करने का ऐलान किया था ताकि घने कोहरे में भी इँफ्रारेड कैमरों के ज़रिए लोको पायलट, रेल्वे ट्रेक को साफ-साफ देख सकें। जुलाई 2016 में त्रिनेत्र सिस्टम का ट्रायल लखनऊ से दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में भी किया गया था।

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अपनी इस कवायद पर रेलवे ने खूब वाह-वाही लूटी थी, ख़ैर आज तक योजना पाईप लाईन में है जिससे ट्रेनों को त्रिनेत्र सिस्टम से लैस नहीं किया जा सका। ऐसे में जब ठण्ड बढ़ते ही फिर कोहरे की मार पड़ने लगी है तो इससे ट्रेनों की लेटलतीफी बढ़ गई है। खुद पश्चिम मध्य रेल्वे ने बढ़ते कोहरे को देखते हुए ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घण्टा तय कर दी है।

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कोहरे के चलते रफ्तार आधी हो जाने से अब जबलपुर को उत्तर भारत से जोड़ने वाली कई ट्रेनें इन दिनों 6 से 8 घण्टे तक लेट होने लगी हैं। कोहरे की वजह से लेट हो रही ट्रेनों को जब रिशेड्यूल भी किया जा रहा है तो यात्री खासे परेशान हो रहे हैं। इधर रेल्वे के अधिकारी कोहरे की समस्या से निपटने के लिए ट्रैनों का टैक्निकल अपग्रेडेशन जारी होने की बात कह रहे हैं जिनके मुताबिक रेल्वे की पहली प्राथमिकता यात्रियों की सुरक्षा है।

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