पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ दायर की याचिका

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ दायर की याचिका

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  • Publish Date - July 23, 2017 / 12:19 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को विजिलेंस रिपोर्ट की ऐसी कापी दी, जिसकी प्रिंटिंग इतनी फेड हो गई है, कि हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने उसे फिर से जमा करने कहा है। इसी रिपोर्ट में कमेटी ने कहा है कि जोगी आदिवासी हैं। हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट के खिलाफ जोगी की याचिका में यह रिपोर्ट लगाई गई थी, जिसे स्क्रूटनिंग के दौरान फिर से जमा करने कहा गया।

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने हाईपावर कमेटी की उस रिपोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें कमेटी ने उन्हें आदिवासी कंवर नहीं माना है और उनके जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने की अनुशंसा की है। इस रिपोर्ट के खिलाफ जोगी ने 523 पेज की याचिका पेश की है। इसमें 224 पन्नों की विजिलेंस कमेटी की 2014 की वो रिपोर्ट भी है, जिसमें जोगी को आदिवासी कंवर माना गया है। विजिलेंस की रिपोर्ट शासन से जोगी ने आरटीआई के तहत ली है। शासन ने इस रिपोर्ट की फोटोकापी जोगी को दी है, जिसमें कि पचास पेज एसे हैं कि पढ़े ही नहीं जा रहे हैं। उनकी स्याही बेहद फीकी है। एसे में याचिका की स्क्रूटनी कर रहे रजिस्ट्री आफिस ने इन पचास पेजों को फिर जमा करने कहा है। इसके बाद अब जोगी के वकील इस बात का प्रयास कर रहे हैं, कि उन पचास पन्नों की इबारत को कंप्यूटर पर टाइप करा कर कोर्ट में जमा कराया जाए। दरअसल ये रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य शासन की ही विजिलेंस कमेटी ने जोगी को आदिवासी माना था, एसे में एक कमेटी आदिवासी माने, दूसरी नहीं माने एसा नहीं हो सकता। इस ग्राउंड को भी याचिका में लिया गया है। उधर जोगी के वकील याचिका बनाते समय इस बात की सावधानी बरत रहे हैं, कि इसमें एसा कोई तथ्य या बात शामिल ना हो जिससे मरवाही विधायक, अमित जोगी की विधायकी खतरे में पड़ जाए। उधर कुछ वकीलों का कहना है कि जोगी को को जानबूझकर शासन ने एसी अस्पष्ट रिपोर्ट दी है।