हाथरस में अपने घर में भीड़ इकट्ठा करने पर पूर्व विधायक तथा अन्य पर मामला दर्ज
हाथरस में अपने घर में भीड़ इकट्ठा करने पर पूर्व विधायक तथा अन्य पर मामला दर्ज
हाथरस (उप्र), छह अक्टूबर (भाषा) हाथरस मामले में घर पर भीड़ जमा किये जाने के मामले में पूर्व भाजपा विधायक राजवीर सिंह और उनके 100 से अधिक समर्थकों के खिलाफ महामारी अधिनियम और निषेधाज्ञा उल्लंघन के तहत मामला दर्ज किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाथरस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने का ‘स्वागत’ करने के लिए रविवार को पूर्व भाजपा विधायक राजवीर सिंह के घर के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हुई थी। ये लोग दलित महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार के आरोपियों के बचाव और उसके परिवार वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग कर रहे थे। शुरुआत में इसे महापंचायत समझा गया लेकिन आयोजकों ने इससे इनकार किया था।
हाथरस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत जायसवाल ने मंगलवार को ‘भाषा’ को बताया, ‘‘घर पर भीड़ जमा करने के लिये पूर्व विधायक राजवीर सिंह के खिलाफ हाथरस गेट पुलिस स्टेशन में रविवार रात को नामजद तथा 100 से अधिक अन्य अज्ञात लोगो के खिलाफ महामारी अधिनियम, धारा-144 निषेधाज्ञा का उल्लंघन आदि का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर कार्रवाई करेगी।”
एसपी से जब पूछा गया कि क्या आज मंगलवार को भी कोई पंचायत होने वाली है तो उन्होंने कहा कि ऐसी पंचायत प्रस्तावित थी लेकिन बाद में आयोजको ने अपना फैसला वापस ले लिया।
पूर्व विधायक राजवीर सिंह के बेटे मनवीर सिंह ने रविवार को कहा था कि ‘‘यह कोई महापंचायत नहीं थी। हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाथरस मामले की सीबीआई से जांच कराए जाने के फैसले पर धन्यवाद देने के लिए इकट्ठा हुए थे। हम सीबीआई जांच का स्वागत करते हैं क्योंकि मामले का दूसरा पहलू भी है जिसे मीडिया में नहीं दिखाया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा था कि मीडिया का एक वर्ग इस घटना को सामूहिक बलात्कार के तौर पर दिखा रहा है लेकिन मामले के तथ्य कुछ और ही हैं। यह पूरा मामला राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए गढ़ा गया है। हम चाहते हैं कि इस मामले का दूसरा पहलू भी दुनिया के सामने आये और मामला अदालत पर छोड़ दिया जाए।
सिंह ने कहा था कि घटना के मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोग दरअसल अपने घर से ही पकड़े गए। अगर वे दोषी होते तो कहीं छिप गए होते। वे अपने घर पर नहीं मिलते। इस मामले में आरोपियों को जानबूझकर फंसाया गया है। उनके लिए इंसाफ मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है।
उन्होंने कहा कि मामले के अभियुक्त बनाए गए लोग हर तरह की जांच में सहयोग कर रहे हैं जबकि तथाकथित पीड़ित पक्ष आए दिन अपना रुख बदल रहा है। आखिर इसकी क्या वजह है। अब लड़की का परिवार अपना नारकोटेस्ट नहीं कराना चाहता और ना ही वह सीबीआई जांच के पक्ष में है। अब वह दूसरी तरह की जांच कराना चाहता है। इससे जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला है।
सिंह ने कहा था कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार को अपने प्रभाव में लेना चाहती हैं और इस मुद्दे को लंबा खींचने की उनकी मंशा है।
गौरतलब है कि हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में गत 14 सितंबर को एक दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और मारपीट की गई थी। इस घटना में गंभीर रूप से घायल हुई लड़की की पिछले हफ्ते दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस मामले में गांव के ही रहने वाले अगड़ी जाति के चार युवकों को गिरफ्तार किया गया है।
राज्य सरकार ने मामले की एसआईटी से जांच कराई है। शनिवार शाम को उसने घटना की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी।
भाषा जफर सलीम धीरज
धीरज

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