न्याय की आस में भटक रही गैंगरेप पीड़िता, 13 माह बाद भी नही मिली डीएनए जांच रिपोर्ट

न्याय की आस में भटक रही गैंगरेप पीड़िता, 13 माह बाद भी नही मिली डीएनए जांच रिपोर्ट

न्याय की आस में भटक रही गैंगरेप पीड़िता, 13 माह बाद भी नही मिली डीएनए जांच रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: July 2, 2019 4:43 am IST

मंदसौर। जिले की गैंगरेप पीड़िता तेरह माह बीत जाने के बाद भी न्याय की आस में भटक रही है। मामला मंदसौर की फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में विचाराधीन है और न्यायालय को भी अंतिम सबूत के तौर पर डीएनए जांच रिपोर्ट का इंतजार है। जो तेरह माह बीत जाने के बाद भी नही मिली है।

दरअसल मामला मंदसौर के सीतामऊ तहसील का है। जहाँ 16 मई 2018 को पीड़िता का पांच युवकों ने उस वक्त अपहरण कर लिया था जब वह स्कूल में अपनी मार्कशीट लेने जा रही थी। पांचो युवकों ने अपहरण के बाद गैंग रेप की वारदात को अंजाम दिया था। नाबालिग को जल्द न्याय दिलाने के लिए मामला न्यायालय की फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में पहुचा। लेकिन सीतामऊ पुलिस द्वारा भेजे गए डीएनए सेम्पल की जांच रिपोर्ट 13 माह बाद भी न्यायालय को अब तक नही मिली है, लिहाजा पीड़िता को न्याय मिलने में देरी हो रही है।

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मामले की पैरवी कर रहे एडीपीओ नितेश कृष्णन का कहना है की न्यायालय को अब तक डीएनए रिपोर्ट नही मिली है। माननीय न्यायालय ने खुद संज्ञान लेते हुए सम्बंधित विभाग में पत्र भेजकर देरी की वजह पूछी है। प्रदेश में होने वाले अपराधों की वैज्ञानिक जांच रिपोर्ट मध्यप्रदेश सागर मेडिकल लेब में भेजी जाती है। प्रदेश के एक मात्र जिले सागर में मेडिकल लेब में ही डीएनए की जांच सम्भव है।

प्रदेश भर से बड़ी संख्या में मामले जांच के लिए सागर की लैब में भेजे जाते हैं। मेडिकल लैब में जांच रिपोर्ट के लिए क्यु प्रणाली लागू है। इसी आधार पर जो जांच सेम्पल लेब तक पहले पहुचते हैं उसकी जांच रिपोर्ट पहले जारी की जाती है। प्रदेश का एक मात्र मेडिकल लैब होने की वजह से प्रदेशभर की ऐसी कई पीड़िताओं को न्याय के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है। जबकि सरकार फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट में 6 माह के भीतर न्याय दिलाने के दावे करती है।

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इस संबंध में पीड़िता के भाई ने बताया कि मई 2018 में मेरी बहन के साथ गांव के पांच युवकां ने मारुति वेन से अपहरण गैंग रेप किया था। मामला कोर्ट में चल रहा है लेकिन कोर्ट को डीएनए रिपोर्ट नही मिली इसी वजह से हमने न्याय मिलने में मिलने में देरी हो रही है । आरोपियों के परिवार वाले केस वापस लेने के लिए आए दिन हमे धमकाते हैं। हम कई बार एसपी से भी मिल चुके हैं।

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वहीं एडीपीओ नितेश कृष्णन ने कहा कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सभी साक्षियों के बयान हो चुके है। मामले की जांच कर रहे तात्कालिक सीतामऊ थाना प्रभारी के बयान और डीएनए रिपोर्ट का इंतज़ार है। सागर लेब से हमने भी सम्पर्क किया है पर बहुसंख्यक मामले लैब में पेंडिंग से इसी वजह से जांच रिपोर्ट मिलने में देरी हो रही है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com