शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्चे पर फेल है पिपरिया

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्चे पर फेल है पिपरिया

शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्चे पर फेल है पिपरिया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: June 16, 2018 11:15 am IST

अब बात मध्य प्रदेश की पिपरिया विधानसभा की…सियासी समीकरण और मुद्दों से पहले एक नजर प्रोफाइल पर।

होशंगाबाद जिले में आती है विधानसभा सीट

कुल मतदाता-2 लाख 4 हजार 522

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पुरुष मतदाता-1 लाख 8 हजार 619

महिला मतदाता-95 हजार 898

उन्नत खेती के लिए मशहूर

सबसे ज्यादा वेयर हाउस वाली विधानसभा

वर्तमान में विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा

ठाकुरदास नागवंशी हैं बीजेपी विधायक

पिपरिया की सिसायत

वर्तमान में पिपरिया विधानसभा बीजेपी के कब्जे में है..लेकिन इस बार कांग्रेस जीत का परचम लहराने की कोशिश में जुटी दिखाई देने लगी है…चुनावी हलचल के बीच कांग्रेस हो या फिर बीजेपी दोनों में टिकट के दावेदारों की लाइन लगनी भी शुरु हो गई है।

पिपरिया विधानसभा में कमल खिला नजर आता है..बीते दो चुनावों से बीजेपी के ठाकुरदास नागवंशी विजय हासिल करते आ रहे हैं जबकि कांग्रेस अब भी जीत की तलाश में है…कांग्रेस इस बार बीजेपी के विजय रथ को रोकने की रणनीतियां बनाने में जुट गई है..इन रणनीतियों के बीच विधायक की टिकट के लिए भी दावेदार सक्रिय दिखाई देने लगे हैं..बात कांग्रेस की करें तो हर बार की तरह इस बार भी दावेदारों की लंबी लाइन है।

धर्मेंद सिंह नागवंशी और लीलाधर मेहरा दावेदारों में सबसे आगे हैं..इसके अलावा हरीश बेबन भी टिकट की दौड़ में हैं..अब बात बीजेपी की करें तो वर्तमान विधायक ठाकुरदास नागवंशी सबसे प्रबल दावेदार हैं…वैसे तो पिपरिया के चुनावी रण में मुकाबला बीजेपी कांग्रेस में होता आया है लेकिन 2003 में अर्जुनलाल पलिया ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने की वजह से सपा से चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की । लेकिन क्या इस बार सपा मैदान में होगी ये अब तक तय नहीं है ।

पिपरिया के मुद्दे

पिपरिया विधानसभा फसलों की बंपर पैदावार के लिए जानी जाती है..लेकिन फिर भी किसान परेशान है..क्योंकि उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है…शिक्षा,स्वास्थ्य और रोजगार के मोर्चे पर भी फेल है पिपरिया ।

उन्नत खेती के लिए मशहूर है पिपरिया..गेंहू उत्पादन में भी अव्वल है..सबसे ज्यादा वेयर हाउस के लिए भी जानी जाती है पिपरिया विधानसभा…इन सबके बाद भी किसान परेशान है..ना सिंचाई के लिए पानी मिल रहा है और ना उपज का सही दाम…नर्मदा परियोजना को लेकर करोड़ों खर्च किए लेकिन नतीजा अब तक नहीं निकला…पिपरिया में दाल मिल और सोयाबीन ऑयल कारखाने तो हैं लेकिन स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

नतीजा बेरोजगारी के चलते लोग पलायन कर रहे हैं….शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल हैं…स्कूली शिक्षा की तो हालत खराब है ही उच्च शिक्षा में भी पीछे नजर आती है विधानसभा..शिक्षा के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं की भी स्थिति ठीक नहीं है..आज भी अस्पतालों में संसाधनों और डॉक्टरों की कमी है..इन सबके बीच पिपरिया में बढ़ते ट्रैफिक से भी जनता परेशान है ।

 

वेब डेस्क, IBC24


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