#IBC24AgainstDrugs: राजधानी में फैला नशे के सौदागरों का जाल, कॉलेज कैंपस और हॉस्टल के स्टूडेंट्स भी हो रहे ड्रग्स एडिक्ट

#IBC24AgainstDrugs: राजधानी में फैला नशे के सौदागरों का जाल, कॉलेज कैंपस और हॉस्टल के स्टूडेंट्स भी हो रहे ड्रग्स एडिक्ट

#IBC24AgainstDrugs: राजधानी में फैला नशे के सौदागरों का जाल, कॉलेज कैंपस और हॉस्टल के स्टूडेंट्स भी हो रहे ड्रग्स एडिक्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:10 pm IST
Published Date: October 2, 2020 4:25 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में नशे के सौदागरों ने कैसे युवा पीढ़ी को धीरे-धीरे चंगुल में फंसाया है, कहां और कैसे वो पॉश इलाकों के संभ्रांत परिवारों के बच्चों को अपने जाल में फांसते हैं ये सब कुछ IBC24 की मुहिम में परत-दर-परत खुल चला है। 10 हजार में 1 ग्राम नशा भला कौन आसानी से खरीद सकता है जाहिर तौर संपन्न परिवार का कम उम्र का युवा ड्रग पैडलर्स के लिए सबसे आसान ग्राहक हैं और बड़े घरों के यूथ को फांसने के लिए कैसे ड्रग माफिया स्कूल और कॉलेज कैंपस के आस-पास जाल बुनते हैं यह ना सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि डराने वाला है।

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राजधानी में कई जगहों पर खुलेआम नशे का सामान खरीदा बेचा जा रहा है, IBC24 ने उन अड्ड़ों के बारे में भी बताया और दिखाया, लेकिन आज जो हम बताने जा रहे हैं, वो उससे भी ज्यादा हैरान करने वाली है। राजधानी का लगभग हर प्रोफेशनल संस्थान नशे के नेटवर्क में जकड़ चुका है। पिछले 25 से 30 सालों से ड्रग्स एडिक्ट युवाओं का इलाज कर रहे राजधानी के मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों से IBC24 ने बात की तो जो सच्चाई सामने आई, वो होश उड़ाने वाला था।

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राजधानी के आउटर स्थित शिक्षण संस्थानों के हॉस्टल में रह कर पढ़ाई करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स नशे का आदी हो चुके हैं। गांजा, चरस, स्मैक, कोकिन, एलएसडी जैसे हर तरह का नशा इन तक पहुंच रहा है। ये बातें मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों तक ड्रग्स एडिक्ट का शिकार होकर पहुंचे युवाओं ने उन्हें बताई है।

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दरअसल, कॉलेज और होस्टलों में अमूमन सीनियर ही ड्रग्स पैडलर बन जाते हैं, ग्रुप का दवाब और सीनियर जूनियर की परंपरा नशे की लत में डुबोने की सबसे बड़ी वजह हो जाती है। कई बार पढ़ाई, रिजल्ट और प्रोजेक्ट के दवाब में कुछ अच्छा फील करने की चाहत भी उन्हें इस दलदल में धकेल देती है। हॉस्टल या कॉलेज के आसपास की पान दुकान से लेकर पटरी तक में ये नशा आसानी से मिल जाता है। पुलिस को भले ही कोई भनक तक नहीं लगे, लेकिन ड्रग्स के तलबगारों तक जरुरत का हर नशा आसानी से पहुंचता रहता है।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com