रायपुर। लॉकडाउन के दौरान रायपुर के क्वींस क्लब में नशे की पार्टी आयोजित कराने वाले आरोपी रसूखदार अब कार्रवाई से बचने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं..। क्वींस क्लब में बार चलाने का लाइसेंस हासिल करने वाले आरोपी डायरेक्टर चंपालाल जैन को आबकारी विभाग 2 नवंबर को सामने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आखिरी मौका दिया था..लेकिन कार्रवाई से बचने के लिए चंपालाल जैन ने बीमारी का बहाना बना दिया है..। उसने खुद को निमोनिया से पीड़ित होने की बात कहते हुए आबकारी विभाग के सामने उपस्थित होने के लिए 20 दिन का वक्त मांगा है..। मामला रसूखदार लोगों से जुड़ा है इसलिए आशंका यह भी जताई जा रही है कि कहीं विभाग भी कार्रवाई करने से बच तो नहीं रहा है..।
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27 सितंबर की रात, सख्त लॉकडाउन के बीच रायपुर के क्वींस क्लब में नशे की पार्टी आयोजित करा कर इसके संचालकों ने बता दिया था कि उन्हें न तो नियम कायदों की परवाह है न कानून तोड़ने से डर..। इस घटना के करीब सवा महीने बाद भी उन पर कार्रवाई नहीं होना इस बात को सच साबित भी कर रहा है..। हालांकि ये रसूखदार आरोपी कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए कई हथकंडे भी अपना रहे हैं..। क्वींस क्लब के संचालक रहे चंपालाल जैन भी इसी तरह के हथकंडे अपना रहे हैं..।
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दरअसल, क्वींस क्लब में बार लाइसेंस चंपालाल जैन के नाम से जारी हुई है.. । लॉकाडउन के दौरान क्लब में शराब परोसने के आरोप में आबकारी आयुक्त ने उन्हें नोटिस जारी किया था..। विभाग की तरफ से चार चार नोटिस जारी होने के बाद आखिरी सुनवाई के लिए उन्हें 2 नवंबर को आबकारी आयुक्त के सामने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने को कहा गया था..। लेकिन कार्रवाई से बचने के लिए चंपालाल जैन ने बीमारी का बहाना बना लिया..। उसने खुद को निमोनिया होने और आईसोलेशन में होने की बात कह कर 20 दिन का और वक्त मांगा है..। इसके लिए उसने हेरिटेज अस्पताल के डॉक्टर आर के पटेल की ओर से दी गई सर्टिफिकेट पेश की है..।
हालांकि एक पेज के इस सर्टिफिकेट के अलावा आरोपी की तरफ से ना तो निमोनिया टेस्ट की कोई रिपोर्ट संलग्न की गई है और ना ही ट्रीटमेंट लाइन का कोई डॉक्यूमेंट..। लिहाजा, उसकी बीमारी को लेकर भी संदेह खड़े हो रहे हैं..। संदेह इसलिए भी खड़ा हो रहा है क्योंकि बताया जा रहा है कि हेरिटेज अस्पताल का भवन भी आरोपी चंपालाल जैन के परिवार के नाम पर है..।
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अब तक इस मामले में हुई कार्रवाई को सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं..। 27 सितंबर को क्वींस क्लब लॉकडाउन के दौरान पार्टी और शराब पिलाने की घटना सामने आई। 29 तारीख को एसपी कार्यालय ने बार लाइसेंस रद्द करने के लिए अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी..। इसके बाद आबकारी उपायुक्त ने आरोपी चंपालाल जैन को दो दो बार नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण मांगा..। जवाब संतोषजनक नहीं था, इसलिए आबकारी आयुक्त ने भी बार लाइसेंस रद्द करने संबंधी कार्रवाई करने का प्रस्ताव 13 अक्टूबर को आबकारी आयुक्त को भेज दिया..। इसके बाद 16 अक्टूबर को आबकारी आयुक्त कार्यालय से फिर से चंपालाल जैन को नोटिस भेजा गया.. जिस पर 23 नवंबर को आरोपी ने जवाब दिया..। इसके बाद आबकारी आयुक्त ने 2 अक्टूबर को सामने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने की तारीख तय की, लेकिन तय तारीख पर उपस्थिति होने की बजाय चंपालाल जैन ने बीमारी का सर्टिफिकेट आगे कर दिया..। अब विभाग 18 नवंबर की आखिरी तारीख तय किया है.. देखना होगा कि तब तक कार्रवाई हो पाती है या फिर रसूख के दम पर आरोपी फिर कोई पैतरेबाजी करने में सफल हो जाता है..।