सड़क, बिजली और पानी जैसी समस्याओं से जूझ रही डोंगरगांव की जनता

सड़क, बिजली और पानी जैसी समस्याओं से जूझ रही डोंगरगांव की जनता

सड़क, बिजली और पानी जैसी समस्याओं से जूझ रही डोंगरगांव की जनता
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: July 13, 2018 11:22 am IST

जनता मांगे हिसाब के सफर की शुरुआत करते हैं छत्तीसगढ़ की डोंगरगांव विधानसभा से..सियासी समीकरण और मुद्दों से पहले एक नजर विधानसभा की प्रोफाइल पर…

राजनांदगांव जिले में आती है विधानसभा सीट

कुल मतदाता-1 लाख 83 हजार 25

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महिला मतदाता-90 हजार 924

पुरुष मतदाता-92 हजार 101

वर्तमान में विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा

दलेश्वर साहू हैं कांग्रेस विधायक

सियासत-

डोंगरगांव विधानसभा में अब चुनावी तैयारियां दिखाई देने लगी है। कांग्रेस की कब्जी वाली इस सीट पर बीजेपी सेंध लगाने की कोशिश में है…तो वहीं JCCJ भी चुनावी समर में चुनौती देगी।

डोंगरगांव विधानसभा को कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था। लेकिन साल 2003 में बीजेपी के प्रदीप गांधी ने जीत दर्ज की..इसके बाद 2004 के उपचुनाव में रमन सिंह ने जीत दर्ज की। 2008 में भी बीजेपी ने ही जीत का परमच लहराया लेकिन 2013 में कांग्रेस ने दमदार वापसी की…इस चुनाव में कांग्रेस के दलेश्वार साहू ने बीजेपी के दिनेश गांधी को शिकस्त दी। अब बीजेपी इस बार अपनी वापसी की कोशिश में जुट गई है…इसके साथ ही टिकट के दावेदार भी सामने आने लगे हैं। बात कांग्रेस की करें तो वर्तमान विधायक दलेश्वर साहू का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा विभा साहू ,शाहिद खान और भवानी बहादुर सिंह भी दावेदारों में शामिल हैं। अब बात बीजेपी की करें तो नीलू शर्मा सबसे प्रबल दावेदार हैं। इसके अलावा दिनेश गांधी,विनोद गोस्वामी, राजनांदगांव के महापौर मधुसूदन यादव भी दावेदारों में शामिल हैं। भरतवर्मा,और प्रदीप गांधी भी टिकट की दौड़ में हैं। बीजेपी और कांग्रेस की तरह JCCJ में भी टिकट के कई दावेदार हैं जिसमें सबसे पहला नाम जनरैल सिंह भाटिया का है ।

मुद्दे-

डोंगरगांव विधानसभा में सड़क,बिजली और पानी जैसी समस्याओं से जूझ रही है जनता..शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की स्थिति भी खराब है। डोंगरगांव विधानसभा में विकास की रफ्तार सुस्त नजर आती है..कई गांव तो ऐसे हैं जो अब भी बिजली के इंतजार में हैं…ग्रामीण इलाकों में सड़कों की हालत खराब है…दर्जनों गांव तो ऐसे हैं जहां रोड कनेक्टिविटी ही नहीं है…शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की भी हालत खराब है..स्कूलों में शिक्षकों की कमी अब तक पूरी नहीं हो सकी है..तो वहीं उच्च शिक्षा के लिए कोई बड़े संस्थान नहीं हैं..स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति ये है कि अस्पताल डॉक्टरों और संसाधनों के इंतजार में हैं..रोजगार के मोर्चे पर भी फेल है डोंगरगांव..रोजगार के साधनों के अभाव में बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है और पलायन भी…स्वच्छता के मामले में फिसड्डी है ये विधानसभा जहां देखो वहां कचरे का ढेर नजर आता है ।

 

 

वेब डेस्क, IBC24


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