सर्व आदिवासी समाज के भारी विरोध के बाद भू-राजस्व संशोधन विधेयक वापस

सर्व आदिवासी समाज के भारी विरोध के बाद भू-राजस्व संशोधन विधेयक वापस

सर्व आदिवासी समाज के भारी विरोध के बाद भू-राजस्व संशोधन विधेयक वापस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:00 pm IST
Published Date: January 12, 2018 3:41 am IST

सर्व आदिवासी समाज और विपक्ष की तगड़ी मोर्चा बंदी के विरोध में आखिरकर सरकार ने भू-राजस्व संशोधन विधेयक को वापस ले लिया है। रमन कैबिनेट की बैठक में संशोधन विधेयक को वापस लेने की सहमति बनी।

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आखिरकार भारी विरोध के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भू-राजस्व संशोधन विधेयक वापस ले लिया. रमन कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया। भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक में आदिवासियों की जमीन सरकारी प्रयोजन के लिये जाने का प्रावधान था. जिसे शीतकालीन सत्र में पारित किया गया था. इस संशोधन विधेयक के पारित होते ही आदिवासी समाज के साथ-साथ विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.

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बीजेपी के आदिवासी नेताओं ने भी विधेयक के खिलाफ आवाज उठाई थी। लिहाजा चौतरफा विरोध के आगे झुकते हुए गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने भू राजस्व संशोधन विधेयक वापस ले लिया। बैकफुट पर आने की राजस्व मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने ये वजह बताई।  सरकार की ओर से भू-राजस्व संशोधन विधेयक वापस लिए जाने का विपक्ष ने स्वागत करते हुए इसे अपने दबाव का नतीजा बताया है। 

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बहरहाल चुनावी साल में आदिवासी समाज में उठे विरोध को देखते हुए सरकार की ये दवाई वाकई कड़वी साबित हो रही थी. इसीलिए सरकार ने भू-राजस्व संहिता संशोधन विधायक वापस लेने में ही अपनी भलाई समझी। सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम ने जहां कांग्रेस से उसका एक बड़ा हथियार छीन लिया है वहीं उसने आदिवासियों को भी उनका हितैषी होने का संदेश दिया है। 

 

 

वेब डेस्क, IBC24


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