कवर्धा, छत्तीसगढ़। राज्य के लिए राहत भरी खबर है। हवा की रूख उत्तर की ओर होने के कारण टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश की ओर आगे बढ़ रहा है। कुल 4 टिड्डी दल में से तीन उत्तर प्रदेश की ओर जा चुके हैं। चौथा दल अभी भी छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है।
पढ़ें- स्कूलों के मध्यान्ह भोजन योजना में संलग्न रसोइयों के वेतन से अब नहीं होगी कटौती – आरपी सिंह
लेकिन हवा की दिशा उत्तर की ओर चलने के कारण प्रदेश में इनके प्रवेश की संभावना कम है। टिड्डियों का चौथा दल अभी महाराष्ट्र के भंडारा जिले में डेरा डाल रखा है। कृषि विभाग लगातार इन पर नजर बनाए रखी है।
पढ़ें- अंतिम सफर पर जोगी, पार्थिव शरीर बिलासपुर के लिए रवाना, गौरेला में 5…
टिड्डी दल को लेकर एडवायजरी
किसानों को टिड्डी दल के बारे में जानकारी दी गई है। टिड्डी की पहचान किस तरह की जाए और इससे कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में बताया गया है। किसानों को चेताया गया है कि टिड्डी एक बार में फसल चट कर देता हैं।
पढ़ें- पढ़ें- इंदौर में कोरोना के 84 नए पॉजिटिव मरीज मिले, 4 ने तोड़ा दम, जिले मे..
इसकी पहचान है कि ये चमकीले पीले रंग और लंबे होते हैं। फसल के उपर ये चादर के जैसे दिखाई पड़ते हैं। फसलों को इनसे शोर मचा कर और फ्लेम थ्रोवर से बचाया जा सकता है।
पढ़ें- नौतपा की भीषण गर्मी में बारिश ने दी लोगों को राहत, अगले 3-4 दिनों त…
प्रशासन ने फसलों को इनसे बचान के लिए छिड़कने वाली दवाओं के नाम भी जारी किए हैं। टिड्डियों का जीवनकाल 40 से 85 दिन का होता है। इनके अंडों को नष्ट करने गहरी जुताई करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि टिड्डी दल की जानकारी और उपाय ही बचाव का विकल्प है।
PM Modi Meeting: मतगणना से पहले PM Modi की अहम…
17 hours agoSeoni: नौतपा में आग ऊगल रहा सूरज, भीषण गर्मी से…
17 hours ago