साथी को अगवा कर नक्सली देने वाले थे मौत की सजा, रात में चकमा देकर थाने पहुंचा आत्मसमर्पित नक्सली

साथी को अगवा कर नक्सली देने वाले थे मौत की सजा, रात में चकमा देकर थाने पहुंचा आत्मसमर्पित नक्सली

साथी को अगवा कर नक्सली देने वाले थे मौत की सजा, रात में चकमा देकर थाने पहुंचा आत्मसमर्पित नक्सली
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: June 10, 2021 4:22 pm IST

सुकमा। नक्सलियों को चकमा देकर आत्मसमर्पित नक्सली रामकृष्ण मरकाम आख़िरकार वापस लौट आया, बीते 6 जून को नक्सलियों द्वारा बीजापुर ज़िले के बासागुड़ा इलाक़े से नक्सलियों ने आत्मसमर्पित अपने ही साथी रामकृष्ण मरकाम का अपहरण कर लिया था। जिसके बाद रामकृष्ण को नक्सली अपने जंगली ठिकाने तक लेकर पहुँचे और पूछताछ कर रहे थे।

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आत्मसमर्पित रामकृष्ण मरकाम अगवा होने के बाद से ही नक्सलियों को चकमा देने की रणनीति बना कर रखा था और बीते 9 जून की रात नक्सलियों के संत्रियों को चकमा देकर रामकृष्ण उनके ठिकाने से भाग निकला और पूरी रात जंगली रास्तों से चलते हुए जगरगुंडा पहुँचा। मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों ने अपहरण के बाद रामकृष्ण को मंडीमरका गाँव में रखा था, जहां रामकृष्ण को मौत की सजा देने की बात नक्सलियों द्वारा कही जा रही थी।

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वहीं बुधवार की देर रात रामकृष्ण चुपके से मौक़े से जंगल का सहारा लेते हुए निकला और पूरी रात चलकर गुरूवार की सुबह 11 बजे वह जगरगुंडा थाने पहुँचा, जहां रामकृष्ण ने खुद का परिचय दिया और जवानों को आपबीती बताई। पूरे मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी गई जिसके बाद अधिकारियों के निर्देश पर रामकृष्ण से पूछताछ की गई और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली गई। वही नक्सलियों के चंगुल से भागकर वापस लौटा रामकृष्ण पूरी तरह स्वस्थ बताया गया है जिसे जगरगुंडा थाने में ही रखा गया है, एसपी के.एल. ध्रुव ने इसकी पुष्टि कर दी है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com