नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहने को अनिच्छुक थे, भाजपा को उन्हें मनाना पड़ा: सुशील मोदी

नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहने को अनिच्छुक थे, भाजपा को उन्हें मनाना पड़ा: सुशील मोदी

नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहने को अनिच्छुक थे, भाजपा को उन्हें मनाना पड़ा: सुशील मोदी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: December 28, 2020 12:42 pm IST

पटना, 28 दिसंबर (भाषा) वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद बने रहने को लेकर अनिच्छुक थे और वह तब जाकर राजी हुए जब उन्हें याद दिलाया गया कि राजग ने उनके नाम पर वोट मांगे थे।

कुमार के पिछले कार्यकालों में एक दशक से अधिक समय तक उपमुख्यमंत्री रहे मोदी ने एक दिन पहले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) द्वारा दिये गये बयान के संबंध में पूछे जाने पर यह टिप्पणी की। कुमार और मोदी के बीच बहुत अच्छे समीकरण होने की चर्चा होती रही है।

रविवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पार्टी महासचिव एवं प्रवक्ता के सी त्यागी ने उनकी पार्टी के पास भाजपा से कम विधायक होने के बावजूद मुख्यमंत्री (कुमार) के अपने पद बने रहने के बार बार चर्चा होने का लेकर नाखुशी प्रकट की थी।

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त्यागी ने इस बात पर बल दिया था कि कुमार ने तो शुरू में ही राय व्यक्त कर दी थी कि अधिक संख्याबल के आधार पर भाजपा को अपना मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।

कार्यकारिणी की इसी बैठक में कुमार ने जदयू अध्यक्ष पद छोड़ दिया।

बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 74 सीटें जीती थी जबकि उससे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने वाले जदयू को 43 सीटें ही मिल पायी।

मोदी ने कहा, ‘‘ यह सच है कि नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के पद पर बने रहने की अनिच्छा प्रकट की थी और कहा था कि भाजपा को इस शीर्ष पद पर दावा करना चाहिए।’’

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ जब राज्य में राजग के घटक दलों–भाजपा, हम, वीआईपी ने उनसे पद पर बने रहने का अनुरोध किया और उन्हें याद दिलाया कि वोट उनके नाम पर मांगे गये थे, तब ही वह इस पद पर बने रहने के लिए राजी हुए।’’

उन्होंने अरूणाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर जदयू के विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद दोनों दलों के बीच संबंध बिगड़ने की संभावना से भी इनकार किया।

मोदी ने कहा, ‘‘जदयू ने स्वयं ही कहा है कि अन्य राज्य में हो रहे घटनाक्रम का बिहार में भाजपा के साथ पार्टी के गठजोड़ पर असर नहीं पड़ेगा। मुझे विश्वास है कि राजग बिहार में अगले पांच साल तक बिना किसी परेशानी के शासन करेगा और कमान नीतीश कुमार के हाथों में होगी।’’

भाषा

राजकुमार माधव

माधव


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