अब आदिवासी बोलियों की होगी पढ़ाई, इन तीन बोलियों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करेगी सरकार…देखिए

अब आदिवासी बोलियों की होगी पढ़ाई, इन तीन बोलियों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करेगी सरकार...देखिए

अब आदिवासी बोलियों की होगी पढ़ाई, इन तीन बोलियों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करेगी सरकार…देखिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:53 pm IST
Published Date: February 7, 2020 12:55 pm IST

भोपाल। आदिवासियों के उत्थान में जुटी प्रदेश सरकार अब आदिवासी बोलियों को स्कूली पाठयक्र्रम में शामिल करने की कार्ययोजना तैयार कर रही है। प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लॉक में भीली, कोरकू और गोंडी बोली पढ़ाने की तैयारी है। स्कूल शिक्षा विभाग जो प्रस्ताव तैयार कर रहा है उसके अनुसार इन बोलियों का अलग से पाठयक्रम होगा और इन्हें तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा।

ये भी पढ़ें:दुष्कर्म के आरोपी ओपी गुप्ता की पत्नी को मिली अंतरिम जमानत, 10 हफ्तों बाद होगी अगली सुनवाई

विभाग ने प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी वर्किंग ग्रुप को सौंपी है। माना जा रहा है नए शिक्षण सत्र से सरकार इसे अमल में ला सकती है। कांग्रेस सरकार ने अपने परंपरागत आदिवासी वोट बैंक को वापस मजबूत करने के लिए खास तौर पर आदिवासी बोलियों पर फोकस कर रही है हालांकि सरकार का तर्क है कि आदिवासियों के उत्थान के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं और अदिवासी बोलियों को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करना भी इसी की एक कड़ी है।

 ⁠

ये भी पढ़ें: कृषि सलाहकार परिषद की पहली बैठक में हॉर्टिकल्चर राजधानी बनाने का लक…

वहीं बीजेपी सरकार की इस मंशा पर सवाल उठाते हुए कह रही है कि कांग्रेस सरकार सिर्फ बोलने के अलावा कोई काम नही कर रही है इससे बेहतर है कि सरकार बोले नहीं करके दिखाए। हमारे देश में एक कहावत है ‘कोस कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वानी’। ऐसे में आदिवासी बोलियों को एक बार फिर से जीवित करने का काम सरकार कर रही है, यह काम आसान नहीं होगा लेकिन देखना यह है कि सरकार अपने कही बात पर कितना खरा उतरती है ।

ये भी पढ़ें: चक्रवात के असर से प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी, छाया रहेगा घना …

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com