लखनऊ: हाथरस में दलित समुदाय की युवती के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म और उसकी हत्या मामले के बाद अब कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत कई दलों ने दुष्कर्म और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर उत्तर प्रदेश सरकार को नये सिरे से घेरते हुए उसकी भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गये हैं। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उप्र में पिछले एक सप्ताह में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 13 भयावह घटनाएं घटीं। खबरों के अनुसार चार घटनाओं में पीड़िता की हत्या कर दी गई या पीड़िताओं ने आत्महत्या कर ली। महिला सुरक्षा की ये दुर्गति विचलित करती है। सीएम साहब को इस पर स्पेशल सेशन करने का समय नहीं है, हां फोटो सेशन चालू है।”
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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी ऐसी घटनाओं पर चिंता जताई और बाराबंकी, झांसी आदि कई घटनाओं का जिक्र करते हुए दावा किया कि भाजपा सरकार में अपराधियों को संरक्षण प्राप्त है और अपराधियों में कानून का कोई भय नहीं है।
मिश्रा के नेतृत्व में शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल ने बाराबंकी के सतरिख क्षेत्र की दलित लड़की के साथ हुई घटना में उसके परिवार से मिलकर संवेदना जताई। उन्होंने दुष्कर्म के सभी आरोपियों को गिरफ्तार करने, फास्ट ट्रैक अदालत में मुकदमा चलाने, इस पूरी घटना की न्यायिक जांच कराने और पीड़ित परिजनों की दशा को देखते हुए एक आवास एवं 50 लाख रुपये की आर्थिक मदद तथा कुछ भूमि इन्हें पट्टे पर दिये जाने की मांग की है।
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समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को बाराबंकी के सतरिख में अपनी पार्टी के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भेजने का निर्देश दिया है। सपा कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री फरीद महफूद किदवई, पूर्व मंत्री राकेश वर्मा, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, विधायक धर्मराज उर्फ सुरेश यादव, विधान परिषद सदस्य राजेश यादव, विधायक गौरव रावत, पूर्व विधायक राम गोपाल रावत, राम मगन रावत तथा बाराबंकी के सपा जिलाध्यक्ष हाफ़िज़ अयाज़ शामिल होंगे।
यादव ने कहा, ‘‘प्रदेश में भाजपा सरकार के कार्यकाल में बेटियों का सम्मान पूर्वक जीना दुश्वार है। आए दिन उनके साथ होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं पर कोई रोक नहीं लग रही है। अराजकता का ऐसा तांडव पहले कभी नहीं देखा गया। मुख्यमंत्री ने जैसे-तैसे साढ़े तीन साल से ऊपर के दिन निकाल लिए हैं, उनके अपराध के प्रति जीरो टालरेंस का दावा एक बड़े जीरों में बदल गया है।” बसपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘‘उप्र में बलिया की हुई घटना अत्यंत चिंताजनक है और अभी भी महिलाओं और बच्चियों पर आये दिन हो रहे उत्पीड़न से स्पष्ट हो जाता है कि यहां कानून-व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। सरकार इस ओर ध्यान दे तो बेहतर होगा। बसपा की यह सलाह।”
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