नगरीय क्षेत्र के उद्यानों में प्रयुक्त होंगे गोठानों के जैविक खाद, मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया की पहल से निकायों के बचेंगे पैसे

नगरीय क्षेत्र के उद्यानों में प्रयुक्त होंगे गोठानों के जैविक खाद, मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया की पहल से निकायों के बचेंगे पैसे

नगरीय क्षेत्र के उद्यानों में प्रयुक्त होंगे गोठानों के जैविक खाद, मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया की पहल से निकायों के बचेंगे पैसे
Modified Date: November 29, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: January 6, 2021 2:37 pm IST

रायपुर । नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया की पहल से प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के उद्यानों में गोठानों में निर्मित जैविक खाद का उपयोग किया जाएगा। इस पहल से नगरीय निकाय अंतर्गत आने वाले लगभग 506 उद्यानों में हरियाली आएगी। लोगों को शुद्ध आक्सीजन मिलेगा और रासायनिक खाद में खर्च होने वाले पैसे भी बचेंगे। गोठानों के माध्यम से जैविक खाद निर्माण को प्रोत्साहन मिलने के साथ स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार के साथ ज्यादा आमदनी मिलेगी और गौ संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।

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नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ डहरिया की इस अनूठी पहल से शहरी क्षेत्रों की हरियाली और आबो-हवा बदल जाएगी। नगरीय प्रशासन अंतर्गत प्रदेश में कुल 166 निकाय है। नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों में कुल 506 उद्यान है। इन उद्यानों में शहर की हरियाली, सौंदर्यीकरण बढ़ाने वाले पौधों के अतिरिक्त फलदार वृक्ष भी लगे हुए हैं। इन उद्यानों से शहरवासियों को शुद्ध हवाएं भी मिलती है। चहल-कदमी के अलावा मनोरंजन की दृष्टिकोण से भी यह उद्यान लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। मंत्री डॉ. डहरिया ने प्रदेश के इन सभी उद्यानों में निकाय अंतर्गत गोठानों में बनाए जा रहे खाद का इस्तेमाल को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं।

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उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के माध्यम से ग्रामीण संस्कृति को पुनर्जीवित करने के साथ आर्थिक समृद्धि का नया द्वार खोला गया है। उनके अनुरूप ही प्रदेश के सभी निकायों में 377 गोठानों की स्वीकृति प्रदान की गई है। गोठानों और गोबर खरीदी केंद्र के माध्यम से गोबर से वर्मी कम्पोस्ट, गौ-काष्ठ, कण्डे आदि बनाए जा रहे हैं। अधिकांश गोठानों में स्थानीय महिलाओं को जोड़कर स्व-सहायता समूह का गठन किया गया है। इन स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं गोठान में गोबर खाद सहित अन्य उत्पादों का निर्माण कर रही है। उद्यानों में गोठानों के खाद का इस्तेमाल किए जाने से खाद निर्माण में लगी महिलाओं को प्रोत्साहन मिलने के साथ उनकी आमदनी भी बढ़ेगी। जो निकाय उद्यानों में पौधों के लिए रासायनिक या अन्य खाद बाहर से खरीदते थे, उन्हें भी पास के गोठान से जैविक खाद मिल जाएगा। खास बात यह भी है कि रासायनिक खाद के इस्तेमाल से पर्यावरण का जो खतरा बना रहता था, वह भी लगभग दूर हो जाएगा।

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गौरतलब है कि नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. डहरिया ने कुछ दिनों पहले ही नगरीय निकाय क्षेत्रों में ठण्ड के दिनों जलाए जाने वाले अलाव में गोबर से निर्मित गौ-काष्ठ और कण्डे का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही उन्होंने निकाय क्षेत्र में होने वाले दाह संस्कार में भी गौ-काष्ठ का उपयोग प्राथमिकता से करने के कहा है। मंत्री डॉ. डहरिया की इस तरह की नई पहल से प्रदेश में बचत के साथ हरियाली, लोगों को शुद्ध आक्सीजन,पर्यावरण सरंक्षण को बढ़ावा मिलना लाजिमी हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com