गेहूं और चावल को छोड़कर बाकी फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं होगी

गेहूं और चावल को छोड़कर बाकी फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं होगी

गेहूं और चावल को छोड़कर बाकी फसलों की खरीदी समर्थन मूल्य पर नहीं होगी
Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: August 30, 2017 3:21 am IST

 

शिवराज कैबिनेट ने फैसला किया है कि अब गेहूं और चावल को छोड़कर बाकी फसलों को समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदेगी. उसकी जगह बाजार भाव और समर्थन मूल्य के बीच आए अंतर का पैसा सरकार सीधे किसान के खाते में जमा कर देगी. कृषि कैबिनेट की बैठक में सरकार ने भावांतर योजना को मौजूदा खरीफ सीजन से लागू कर दिया है..   इस योजना में हर फसल के लिए तीन महीने के औसत दाम तय किए जाएंगे ।

यही नहीं हर फसल के लिए मध्यप्रदेश के साथ ही सीमावर्ती किन्हीं दो राज्यों के दाम भी औसत दाम तय करने के लिए जाएंगे । भावांतर योजना के लिए आने वाली 1 सितंबर से पूरे प्रदेश में किसानों को रजिस्ट्रेशन शुरू होगा । मोबाइल एप के ज़रिए हर किसान की फसल का रिकॉर्ड लिया जाएगा । फसल आने के बाद दाम में अंतर का पैसा सरकार किसान के खाते में भेजेगी । किसानों को इसके लिए तय समय में ही फसल बेचना होगा । कृषि मंत्री का ये भी दावा है कि केंद्र सरकार ने भी भावांतर योजना में दिलचस्पी दिखाई है । योजना में फसलों के दाम में अंतर का पैसा अधिकतम 5 सौ रुपए से ज्यादा नहीं दिया जाएगा.. इस पर संशय बना हुआ है. क्योंकि सोमवार को बयान देने के बाद  कृषि मंत्री ने इसको लेकर कुछ नहीं कहा। इधर इस योजना को विपक्ष किसानों की नाराज़गी दूर करने का एक पैंतरा करार दे रहा है । जबकि किसान संगठन के नेता भी इस पर सवाल खड़ा कर रहे 

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