रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के उपार्जन केंद्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य नीति के तहत धान और मक्का खरीदी की तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश की एक हजार 333 सहकारी समितियों के अंतर्गत इसके लिए एक हजार 998 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। इस बार मानसून की अच्छी बारिश को देखते हुए उपार्जन केन्द्रों में 75 लाख मीटरिक टन धान की आवक होने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह प्रदेश में मक्के की खेती के बढ़ते रकबे को ध्यान में रखकर 40 हजार टन मक्के का उपार्जन अनुमानित है। खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर एक नवंबर से शुरू हो जाएगी।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक धान और मक्का खरीदी की तैयारियों के लिए उनके विभाग द्वारा प्रदेश के समस्त संभागीय कमिश्नरों और जिला कलेक्टरों को मंत्रालय से परिपत्र जारी कर दिया गया है। परिपत्र में इस खरीफ विपणन वर्ष 2018-19 के लिए धान और मक्का उपार्जन की नीति निर्धारित की गई है। परिपत्र के अनुसार उपार्जन केंद्रों में धान की नगद और लिकिंग में खरीदी करीब तीन माह तक अर्थात 31 जनवरी 2019 तक चलेगी। मक्का खरीदी का कार्य सात महीने तक अर्थात एक नवम्बर 2018 से शुरू होकर 31 मई 2019 तक चलेगा।
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बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने किसानों को धान के प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य के साथ 300 रूपए का बोनस भी जोड़कर देने की घोषणा की है। केन्द्र सरकार द्वारा इस खरीफ वर्ष के लिए सामान्य धान पर 1750 रूपए और ए-ग्रेड धान पर 1770 रूपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य घोषित किया है, जो पिछले साल के मुकाबले 200 रूपए ज्यादा है। किसानों को राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले 300 रूपए प्रति क्विंटल की बोनस राशि को मिलाकर इस वर्ष सामान्य धान पर 2050 रूपए और ए-ग्रेड धान पर 2070 रूपए की धनराशि मिलेगी। वहीं मक्के पर केन्द्र द्वारा 1700 रूपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य घोषित किया गया है। किसानों को राशि का डिजिटल भुगतान होगा। उनके खातों में राशि ऑनलाइन जमा कर दी जाएगी।
ऋण पुस्तिकाओं के आधार पर होगी खरीदी
किसानों से धान और मक्के की खरीदी उनकी ऋण पुस्तिका के आधार पर की जाएगी। ऋण पुस्तिकाओं में खरीदी का विवरण समिति के प्रबंधक अथवा अधिकृत कर्मचारी द्वारा अनिवार्य रूप से दर्ज किया जाएगा। अधिया अथवा रेगहा पद्धति की खेती में उत्पादित धान बेचने के लिए आने वाले किसानों को भी अपनी भूमि की ऋण पुस्तिका को लेकर आना होगा, जिसमें जानकारी दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही उन्हें स्वयं का वचनपत्र और भूमि स्वामी का सहमति पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
अधिकारियों ने बताया कि धान और मक्का खरीदी के लिए सहकारी समितियों द्वारा स्थापित लगभग एक हजार 998 उपार्जन केन्द्रों के अलावा प्रदेश की 72 में से 49 कृषि उपज मंडी प्रांगणों और 122 उप मंडियों में से 75 उप मंडियों में भी समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का निर्णय लिया गया। मंडी प्रांगणों का उपयोग पिछले खरीफ विपणन वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान उपार्जन केन्द्र के रूप में किया जाएगा। किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की अधिकतम सीमा लिकिंग सहित प्रति एकड़ 15 क्विंटल और मक्का खरीदी की अधिकतम सीमा प्रति एकड़ 10 क्विंटल तय की गई है।
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धान खरीदी का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) द्वारा और मक्का उपार्जन का कार्य छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (नान) द्वारा किया जाएगा। परिपत्र में बताया गया है कि धान उपार्जन सिर्फ उन्हीं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों और लैम्प्स के माध्यम से किया जाएगा, जो मार्कफेड के कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रम में शामिल होंगे। सहकारी समितियों को धान खरीदी शुरू होने के पहले अपनी समितियों में कम्प्यूटरीकरण की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
वेब डेस्क, IBC24
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