नागपुर, सात सितंबर (भाषा) कोविड-19 से यहां 53 वर्षीय एक मरीज की मौत हो गई। उसके परिजनों ने आरोप लगाया कि उन्हें समय पर ऑक्सीजन सुविधायुक्त एंबुलेंस नहीं मिल सकी।
वहीं, नागपुर नगर निगम ने कहा कि वह यह देखेगा कि एंबुलेंस मिलने में देरी क्यों हुई, लेकिन उसे इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है।
मृतक के चचेरे भाई ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि मरीज 29 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था और शुरू में कोई लक्षण न होने के कारण वह गृह-पृथक-वास में था। हालांकि, शनिवार को सुबह लगभग साढ़े आठ बजे उसकी नब्ज धीमी हो गई और सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
उन्होंने बताया कि परिवार के सदस्यों ने एंबुलेंस के लिए तत्काल ‘108’ सेवा पर फोन किया। एंबुलेंस लगभग आधा घंटे बाद एक महिला डॉक्टर के साथ पहुंची।
मृतक के चचेरे भाई ने कहा कि डॉक्टर घर आई और पीड़ित की नब्ज की जांच की। उसने फिर उसे अस्पताल भेजने के लिए कई बार फोन किया और कहा कि वह मरीज को नहीं छू सकती क्योंकि उन्होंने पीपीई किट नहीं पहन रखी है।
उसने कहा, ‘‘हमने डॉक्टर से मरीज को ऑक्सीजन देने को कहा, ताकि उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए समय मिल जाए। लेकिन डॉक्टर ने कहा कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं है। उन्होंने हमसे कहा कि हम मरीज को अस्पताल पहुंचाने के लिए नगर निगम को सूचित करें।’’
फिर दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे नागपुर सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एंबुलेंस उनके घर पहुंची। मरीज को फिर इसी अस्पताल में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक के चचेरे भाई ने कहा कि यदि उसके भाई को समय पर ऑक्सीजन मिल गई होती तो संभवत: उसकी जान बच जाती।
नागपुर नगर निगम के आयुक्त राधाकृष्णन बी से जब इस बारे में और एंबुलेंस सेवा की कमी की अन्य शिकायतों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि मामले में विलंब क्यों हुआ। हमें इस बारे में कोई शिकायत नहीं मिली है।’’
भाषा
नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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