ग्राम न्यायालय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सरगुजा फॉर फास्ट की तरफ से प्रशान्त भूषण ने लगाई याचिका

ग्राम न्यायालय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सरगुजा फॉर फास्ट की तरफ से प्रशान्त भूषण ने लगाई याचिका

ग्राम न्यायालय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका, सरगुजा फॉर फास्ट की तरफ से प्रशान्त भूषण ने लगाई याचिका
Modified Date: November 29, 2022 / 08:43 pm IST
Published Date: August 2, 2019 11:48 am IST

अंबिकापुर। ग्राम न्यायालय के परिपालन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई है। यह जनहित याचिका सरगुजा फॉर फास्ट की तरफ से प्रसिद्ध वकील प्रशान्त भूषण के जरिये लगाई गई है। इस जनहित याचिका में 29 राज्यों के मुख्य सचिवों को पार्टी बनाया गया है। और ग्राम न्यायालय के परिपालन की मांग की गई है।

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बता दें कि छग सरकार ने 2012 में ही ग्राम न्यायालय लागू नहीं करने का आदेश जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट का हालिया बयान कहता है-देश की अदालतों में कुल ढाई करोड़ से ज्यादा मुकदमे निपटारे की बाट जोह रहे हैं। विधि मंत्रालय का सुझाव है कि देश में अदालतों की तादाद मौजूदा संख्या के पांच गुनी बढ़ायी जानी चाहिए। मगर सरकार ने ग्राम न्यायालय अधिनियम में प्रावधान किया है कि महज ५००० ग्राम न्यायालय स्थापित किए जाएंगे- यानी अदालतों की संख्या में महज ५० फीसदी का इजाफा होगा और देश के आधे से ज्यादा प्रखंडों में कोई भी ग्राम न्यायालय नहीं बन पाएगा।

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विधि आयोग का सुझाव है-अदालती इंसाफ की प्रक्रिया सरल हो और भारत की विशाल ग्रामीण आबादी को छह महीने के भीतर हर हाल में उनके दरवाजे पर ही इंसाफ हासिल हो जाय। विधि आयोग के सुझावों की पुष्टि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए नये आंकड़ों से भी होती है। सुप्रीम कोर्ट के नये आंकड़े कहते हैं कि अदालती व्यवस्था के ऊंचले पायदान से निचली सीढ़ी तक ना सिर्फ करोड़ों की संख्या में दीवानी और फौजदारी के मुकदमे लंबित पड़े हैं बल्कि सुनवाई की गति इतनी धीमी है कि हाईकोर्टों में कुछेक मुकदमों के निपटारे में २० से ३० साल का समय लग रहा है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com