आज छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुरू हुआ शीतकालीन सत्र हंगामे से भरा रहा जिसमे संसदीय कार्य मंत्री अजय चंद्राकर ने टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल पर विशेषाधिकार भंग का प्रस्ताव सदन में पढ़ा जिसमे भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव पर सदन की गरिमा को ठेस पहुँचाने का आरोप लगाया गया है। जिस पर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल ने विशेषाधिकार सूचना पढ़ने की अनुमति देने का विरोध किया है। इस बात को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने विपक्ष की आवाज दबाने और नई परम्परा की शुरुआत का आरोप लगाया है जिसे लेकर पक्ष-विपक्ष में तीखी बहस शुरू हो गयी। ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इस बात के लिए खेद प्रगट किया और कहा कि ऐसा 30 सालों में कभी नहीं हुआ जो इस बार हो रहा है। सरकार की तरफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखते हुए सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार सजग नहीं है। उन्होंने पूछा कि मांढर SBI बैंक में किनके-किनके लॉकर थे.किसके कहने पर इसे थाने के बाजू से हटाया गया जिस पर गृह मंत्री ने कहा कि लॉकर की जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा सकती और मामले की विवेचना की जा रही है.जिस पर सत्यनारायण शर्मा ने पूछा कि आरोपियों ने जेवर खान कहां बेचे साथ ही इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने गृह मंत्री की जमकर खिंचाई की उन्होने आरोपियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया। जब गृहमंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुई तो उसने वॉक आउट कर दिया।आगे स्थगन पर चर्चा अब दोपहर 3 बजे होगी।
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इसके साथ ही बीजेपी विधायक देवजी भाई पटेल ने अपनी ही सरकार के स्वास्थ्य महकमे को घेरा ,पटेल ने नगरीय क्षेत्रों में मलेरिया के बढ़ते प्रभाव का मुद्दा ध्यानाकर्षण के जरिये उठाया पटेल ने कहा- स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर बाबू और अफसर की तरह काम करने लगे हैं.उन्हें समस्याओं पर ध्यान नहीं है.चमचमाती गाड़ियों में चलना उन्हें पसंद है.विभाग में बंदरबांट चल रहा है.जिसे सुनकर विपक्ष के विधायकों ने शेम शेम के नारे लगाए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट कार्ड के जरिये इलाज की सुविधा दिलाने में भी डॉक्टरों को रुचि नहीं जिस पर विभाग के संसदीय सचिव शिवशंकर पैकरा ने जवाब देते हुए कहा- मलेरिया के मरीज नहीं बढ़े हैं.कोई डॉक्टर बाबूगिरी और अफसरी नहीं कर रहा है आरोप सही नहीं है.इसके साथ ही मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अनुपूरक बजट सदन में पेश किया जिस पर कल होगी चर्चा मुख्य रूप से सदन में तीन संसोधन विधेयक पेश किये गए हैं जिनमें सदन में न्यायालय फीस संसोधन विधेयक ,कृषि उपज मंडी संसोधन विधेयक ,भूराजस्व संहिता संसोधन विधेयक पर बजट तय करना है।