राशन की सुरक्षा के लिए हजार जवान, 56 किमी तक रहेगा घेरा
राशन की सुरक्षा के लिए हजार जवान, 56 किमी तक रहेगा घेरा
सुकमा। जगह दोरनापाल, गुरुवार सुबह 8 बजे कई ट्रक राशन भर कर तैयार खड़े थे। इन ट्रकों को रवाना होना था जगरगुंडा कैंप। दूरी 56 किलोमीटर। महज इतनी दूरी तय करने के लिए 1000 सुरक्षाकर्मी, काफिले का नेतृत्व डिप्टी कलेक्टार हिमांचल साहू के जिम्मे। यह नजारा किसी फिल्म का नहीं बल्कि धुर नक्सल प्रभावित इलाके का है। हर 6 महीने में यह नजारा देखने में आता है।
दरअसल यह कवायद है जगरगुंडा राहत शिविर में रह रहे करीब 5000 लोगों के लिए राशन और रोजमर्रा की चीजें पहुंचाने की। सलवा जुडूम के समय से वर्ष 2006 से यह कवायद हर 6 महीने में होती है। इससे पहले इस वर्ष 30 जनवरी को राशन भेजा गया था।
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राशन को इतनी सुरक्षा में इसलिए भेजा जाता है कि इस 56 किलोमीटर की दूरी में नक्सली कब और कहां से आकर हमला बोल दें और राशन लूट ले जाएं कोई भरोसा नहीं। हालांकि इस 56 किमी की दूरी के बीच में ही कई पुलिस थाने और सुरक्षा बलों के कैंप हैं फिर भी इतनी सुरक्षा के साथ यह काफिला हर 6 महीने में यह दूरी तय करता है।
नक्सली अक्सर इस रास्ते पर स्थित पुल-पुलिया को क्षति पहुंचाने की कोशिश करते हैं ताकि जगरगुंडा कैंप का संपर्क बाकी जगह से टूट जाए लेकिन सुरक्षा बल के जवान उतनी ही तेजी से क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया को फिर से तैयार कर देते हैं ताकि आवागमन बाधित न हो।
वेब डेस्क, IBC24

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