मेडिकल कॉलेज से हटाये गये डॉक्टरों का कार्यकाल बढ़ाया गया
मेडिकल कॉलेज से हटाये गये डॉक्टरों का कार्यकाल बढ़ाया गया
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश), 22 अक्टूबर (भाषा) जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज के हटाये गये दो अस्थायी चिकित्सा अधिकारियों की वापस बहाल करने को कहा गया है।
अटकलें हैं कि हाथरस में बलात्कार की शिकार युवती के बारे में कथित तौर पर बयान देने के बाद दोनों को हटाया गया था। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का कहना था कि इनकी नियुक्ति एक साल के लिये ही की गयी थी और उन्हें कार्यकाल समाप्त होने के बाद हटाया गया।
विश्वविद्यालय के प्रवक्ता उमर पीरजादा ने पीटीआई-भाषा को टेलीफोन पर बताया, ‘‘अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा बुधवार को भेजे गये प्रस्ताव के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोनों डाक्टरों का कार्यकाल बढ़ाये जाने का निर्देश दिया है।’’
गौरतलब है कि हाथरस सामूहिक बलात्कार मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ के 24 घंटे के अंदर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में दो अस्थायी चिकित्साधिकारियों को हटाये जाने पर विवाद खड़ा हो गया था।
यह मामला गत मंगलवार को सामने आया जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बताया कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अस्थायी चिकित्साधिकारी के तौर पर काम कर रहे डॉक्टर मोहम्मद अजीमुद्दीन और डॉक्टर उबैद इम्तियाज की सेवाएं समाप्त की जा रही हैं।
एएमयू के अधिकारियों के मुताबिक दोनों 9 सितंबर को एक महीने के लिये नौकरी पर रखा गया था। उसके बाद उन्हें स्थिति के बारे में पूरी तरह अवगत कराया गया था। ऐसे में उन्हें हटाया जाना सामान्य प्रक्रिया है।
रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने बुधवार को एएमयू के कुलपति को लिखे पत्र में उनसे दो डॉक्टरों की बर्खास्तगी का आदेश वापस लेने का आग्रह किया था। पत्र में कहा गया था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो एसोसिएशन 24 घंटे के अंदर अपनी बैठक बुलाकर भविष्य की रणनीति तय करेगा।
हटाये गये दो अस्थायी चिकित्साधिकारियों की पुन:वापसी के लिये प्रयासरत रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन को दिल्ली के डॉक्टरों के एक संगठन का समर्थन मिल गया था।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति को लिखे एक पत्र प्रोग्रेसिव मेडिकोज एंड साइंटिफिक फोरम (पीएमएसएफ) के अध्यक्ष डॉक्टर हरजीत सिंह ने दोनों को वापस बहाल करने की मांग की थी।
बृहस्पतिवार को भेजे गये पत्र में कहा गया था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन दो डाक्टरों को इस लिये हटा दिया गया क्योंकि उनका बयान हाथरस के कथित सामूहिक बलात्कार मामले में पुलिस के बयान से मेल नहीं खाता।
बर्खास्त किये गये डॉक्टर अजीमुद्दीन और डॉक्टर इम्तियाज ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने हाथरस मामले में कोई भी बयान नहीं दिया था। सेवा समाप्ति से पहले उन्हें अपनी सफाई देने तक का मौका नहीं दिया गया। दोनों ने कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी।
भाषा सं जफर अर्पणा
अर्पणा

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