कांग्रेस के विरोध के बाद सरकार ने पलटा फैसला, भोरमदेव अभ्यारण में नहीं बनेगा टाइगर रिजर्व
कांग्रेस के विरोध के बाद सरकार ने पलटा फैसला, भोरमदेव अभ्यारण में नहीं बनेगा टाइगर रिजर्व
कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भोरमदेव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के फैसले पर कांग्रेस के विरोध को देखते हुए सरकार ने इसे वापस ले लिया है। जंगल झलमला की जनसभा में प्रदेश के वनमंत्री महेश गागड़ा और सांसद अभिषेक सिंह ने इसकी जानकारी दी। वनमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लोग यहां यह भ्रम फैला रहे हैं कि टाइगर रिजर्व के लिए गांव खाली कराए जाएंगे। हमें टाइगर की भी चिंता है और ट्राइबल की भी।
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हमारी सनातन संस्कृति रही कि हम वन्यजीवों के साथ रहते आए हैं और साथ रहेंगे। किसी को डरने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस नेता हमेशा आदिवासियों को मोहरा बनाकर राजनीति करते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि टाइगर रिजर्व को लेकर नियम-प्रक्रिया चल रही थी, रिजर्व खुला नहीं था। सरकार ने निर्णय वापस लिया है। किसी भी ग्रामीण को उसकी जमीन से विस्थापित नहीं किया जाएगा।
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प्रस्तावित टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में आने वाले गांवों में भोथी, सिलयारी या बंदुक कुंदा, सिंघनपुरी, मचियाकोन्हा, बरेंडीपानी, तुरैयाबहरा, माराडबरा, बालसमुंद या खिलाही, सोनवाही, दुलदुला व कुमान शामिल थे। इन्हीं गांवों को विस्थापित करने के प्रावधान थे।
वेब डेस्क, IBC24

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