बस्तर के जीरम हमले की चौथी बरसी पर रायपुर, जगदलपुर, रायगढ़ और बिलासपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियों ने अपने नेताओं की शहादत को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पार्टी के नेताओं ने प्रदेश सरकार को जमकर कोसते हुए ये भी कहा कि वो जांच नहीं कराना चाहती और उन्हें सरकार से न्याय की उम्मीद भी नहीं है। रायपुर के कांग्रेस भवन में सुंदरकांड का पाठ पार्टी के उन नेताओं की शहादत को याद करते हुए किया जा रहा है, जो चार साल पहले बस्तर के जीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में शहीद हुए थे।
इस घटना में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा समेत 29 लोग शहीद हुए थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल ने एक बार फिर इसे राजनीतिक साजिश बताया, वहीं नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने भी मामले में राज्य सरकार की भूमिका को संदिग्ध बताया। छत्तीसगढ़ के दूसरे शहरों बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर और रायगढ़ में भी जीरम हमले के शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। रायगढ़ में कांग्रेसियों ने आंख पर पट्टी बांधकर 20 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली।
जिसके बाद ज्ञापन सौंपते हुए विधायक उमेश पटेल ने कहा कि उन्हें इस सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं है। इस मौके पर शुक्रवार को खरसिया में स्वर्गीय नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल की प्रतिमा का अनावरण भी होगा। कांग्रेस ने फैसला किया है कि पार्टी के शहीद नेताओं की परिवर्तन यात्रा के मकसद को पूरा करने के लिए अगले साल संकल्प यात्रा निकालेंगे।