टीआरपी मामला : एमएसएचआरसी ने मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया

टीआरपी मामला : एमएसएचआरसी ने मुंबई के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को पेश होने का निर्देश दिया

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  • Publish Date - December 14, 2020 / 02:44 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:40 PM IST

मुंबई, 14 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र राज्य मानवाधिकार आयोग (एमएसएचआरसी) ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सीईओ विकास खानचंदानी को कथित रूप से गैर कानूनी और मनमाने तरीके से गिरफ्तार करने की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सोमवार को मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के उपायुक्त को 16 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया।

उल्लेखनीय है कि खानचंदानी को कथित टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाले के सिलसिले में रविवार को गिरफ्तार किया गया था और उन्हें 15 दिसंबर तक के लिए पुलिस की हिरासत में भेजा गया है।

आदित्य मिश्रा नामक व्यक्ति द्वारा रविवार को एमएसएचआरसी में की गई शिकायत में दावा किया गया है कि बदले की कार्रवाई के तहत रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को निशाना बनाया जा रहा है।

इससे पहले मिश्रा ने आयोग के समक्ष की गई शिकायत में पुलिस द्वारा हिरासत में रिपब्लिक टीवी के उपाध्यक्ष घनश्याम सिंह से कथित ‘दुर्व्यवहार’ को लेकर चिंता जताई थी।

शिकायत में कहा गया, ‘‘ विकास खानचंदानी पहले ही मामले की जांच में पुलिस का सहयोग कर रहे थे। यहां तक कि घनश्याम सिंह भी गिरफ्तारी से पहले कई बार अपना बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस के समक्ष पेश हो चुके थे।’’

इसमें कहा गया कि मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को बिना उचित सबूत के गिरफ्तार कर रही है और उनकी गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करना उनके मानवाधिकार का उल्लंघन है।

एमएसएचआरसी ने सोमवार को शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त (जांच) को तलब किया और 16 दिसंबर को समक्ष पेश होने का निर्देश दिया।

इसी से संबंधित एक अन्य घटनाक्रम में पुलिस ने यहां सत्र न्यायालय को बताया कि वह रिपब्लिक टीवी के सीएफओ (मुख्य वित्तीय अधिकारी)एस सुंदरम को मंगलवार तक गिरफ्तार नहीं करेगी, उसी दिन उनकी अग्रिम जमानत पर अदालत में सुनवाई होनी है।

उल्लेखनीय है कि सुंदरम और खानचंदानी ने पिछले हफ्ते सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी।

सु्ंदरम के वकील निरंजन मुंदारगी ने सोमवार को आशंका जताई थी कि सुनवाई लंबित होने के दौरान पुलिस उनके मुवक्किल को भी गिरफ्तार कर सकती है।

सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस से जानना चाहा कि खानचंदानी की गिरफ्तारी की इतनी जल्दी क्यों थी जब उनकी याचिका लंबित है।

गौरतलब है कि रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) द्वारा हंसा रिसर्च एजेंसी के माध्यम से कुछ चैनलों द्वारा टीआरपी में धांधली करने की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने इस कथित घोटाले की जांच शुरू की थी।

भाषा धीरज माधव

माधव