उत्तर प्रदेश : विशेष सुरक्षा बल के सिलसिले में तीन दिन के अंदर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

उत्तर प्रदेश : विशेष सुरक्षा बल के सिलसिले में तीन दिन के अंदर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

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  • Publish Date - September 13, 2020 / 05:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:06 PM IST

लखनऊ, 13 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में न्यायालयों प्रशासनिक कार्यालयों तथा अन्य विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा के लिए बनाए गए विशेष सुरक्षा बल के सिलसिले में तीन दिन के अंदर कार्य योजना तैयार करने और पदों के प्रस्ताव सात दिन के अंदर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने रविवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वकांक्षी योजना के लिए उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल अधिनियम लागू किया गया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस महानिदेशक एच.सी. अवस्थी को इस अधिनियम की एक प्रति गत 11 सितंबर को भेजकर इस बल के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए हैं।

अवस्थी ने बताया कि विशेष सुरक्षा बल के गठन के सिलसिले में तीन दिन के अंदर कार्ययोजना मुहैया कराने, इस बल के संचालन के लिए पदों के प्रस्ताव सात दिन के अंदर उपलब्ध कराने और तीन माह के अंदर इस बल के प्रथम चरण को शुरू करने के सुझाव दिए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं।

उन्होंने बताया कि यह बल उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालयों एवं परिसरों तथा तीर्थ स्थलों, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक तथा अन्य वित्तीय, शैक्षणिक एवं औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगा। इसमें 9,919 कर्मचारी काम करेंगे। पहले चरण में पांच बटालियन का गठन किया जाना है। इन बटालियन के लिए 1,913 नए पद सृजित किए जाएंगे।

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अपराधों की फॉरेंसिक जांच और अभियोजन के लिए पुलिस तंत्र और अभियोजकों को साइबर अपराध के क्षेत्र में दक्ष बनाने के मकसद से राजधानी लखनऊ के सरोजनी नगर स्थित पिपरसंड गांव में उत्तर प्रदेश पुलिस एवं फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

उन्होंने बताया कि 35.16 एकड़ में बनने जा रहे इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य फॉरेंसिक विज्ञान , आचार विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के क्षेत्र में अभिनव शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान प्रदान करना है। इसके साथ ही आपराधिक मामलों की जांच, प्रबंधन और संचालन में आवश्यक प्रौद्योगिकियों में विशेषज्ञता दिलाना, प्रशिक्षित जनशक्ति तैयार करना और प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को एकीकृत करना भी इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य है।

उन्होंने बताया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ के सहयोग से की जा रही है। साथ ही इसकी स्थापना के लिए इजराइल से तकनीकी सहयोग और गुजरात फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी गांधीनगर से समझौते की कार्यवाही की जा रही है।

अवस्थी ने बताया कि फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें कुलपति, कुलसचिव और वित्त अधिकारी के पद सृजित किए गए हैं। विश्वविद्यालय में कुल 10 विभाग होंगे जिनमें अध्यापन के लिए 14 प्रोफेसर, इतने ही एसोसिएट प्रोफेसर और 42 सहायक प्रोफेसर समेत कुल 496 पद प्रस्तावित है। भाषा सलीम धीरज

धीरज