योगी ने दिये कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश

योगी ने दिये कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश

योगी ने दिये कोरोना वायरस की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: May 31, 2021 9:41 am IST

लखनऊ, 31 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस म्यूटेशन के गहन अध्ययन की जरुरत पर जोर देते हुए सोमवार को सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से प्रदेश में वसयरस की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 की बैठक में कहा कि कोरोना वायरस म्यूटेशन के गहन अध्ययन की आवश्यकता है। अनेक संस्थान विभिन्न मानकों पर अध्ययन भी कर रहे हैं। ऐसे में सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट के सहयोग से प्रदेश में कोरोना वायरस की जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए।

उन्होंने कहा कि इस वैज्ञानिक अध्ययन के निष्कर्ष भविष्य में इस महामारी से बचाव में निश्चित ही उपयोगी सिद्ध होंगे।

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मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना से कुल संक्रमित हुए लोगों, स्वस्थ हुए लोगों, एंटीबॉडी आदि के संबंध में ‘सीरो सर्वे’ कराया जाना जरूरी है। इसके लिए चार जून से प्रदेश में नमूने एकत्र करने का काम शुरू होगा। इससे लिंग और आयु सहित अलग-अलग पैमाने पर संक्रमण की अद्यतन स्थिति का आकलन हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि कम होती संक्रमण दर के मद्देनजर ऐसे 55 जिलों को कर्फ्यू से छूट दी गयी है जहां कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 600 से कम है। ताजा स्थिति के अनुसार सोनभद्र, देवरिया, बागपत, प्रयागराज, बिजनौर और मुरादाबाद जिलों में कुल उपचाराधीन मरीजों की संख्या 600 से कम हो गई है। ऐसे में अब इन जिलों में भी सप्ताह में पांच दिन सुबह सात बजे से शाम सात बजे तक कोरोना कर्फ्यू से छूट दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण एक जून से शुरू हो रहा है। साथ ही, 12 साल से कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों का टीकाकरण प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। सभी जिलों में इसके लिए ‘अभिभावक स्पेशल बूथ’ बनाए गए हैं।

उन्होंने आदेश दिया, ‘‘प्रदेश में एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिये सिंगल विंडो प्रणाली आधारित ऑनलाइन पोर्टल संचालित किया जाए। उद्यमियों के आवेदन पर अधिकतम 15 दिनों में निर्णय लिया जाना चाहिए। अन्यथा डीम्ड स्वीकृति के आधार पर उन्हें प्लांट स्थापना की अनुमति होगी।’’

भाषा सलीम अर्पणा

अर्पणा


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