अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ की नीति : फागू

अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ की नीति : फागू

अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ की नीति : फागू
Modified Date: November 29, 2022 / 08:49 pm IST
Published Date: January 26, 2021 10:49 am IST

पटना, 26 जनवरी (भाषा) बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार की अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद के प्रति ‘जीरो टालरेंस’ (कतई बर्दाश्त न करने) की नीति है।

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण के बाद अपने संबोधन में चौहान ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धांत पर राज्य के हर क्षेत्र का विकास एवं हर तबके का उत्थान सरकार का मूल संकल्प है।

उन्होंने कहा, “बिहार में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संगठित अपराध पर अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था निरंतर जारी है । बिना किसी भेदभाव के कानून व्यवस्था को लागू किया गया है राज्य में सामाजिक सौहार्द एवं संप्रदायिक सद्भाव का वातावरण कायम है। भ्रष्टाचार, आय से अधिक्र सम्पत्ति अथवा पदों के दुरुपयोग में संलिप्त भ्रष्ट लोक सेवकों के विरूद्ध कठोर एवं प्रभावकारी कार्रवाई जारी है। अपराध, भ्रष्टाचार और संप्रदायवाद (क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिज्म) के प्रति जीरो टालरेंस की नीति है।”

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा समाज सुधार के कार्यक्रमों को भी लागू किया गया है। चौहान ने कहा, “सबसे पहले शराबबंदी लागू कर सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखी गई। समाज सुधार की दिशा में कदम बढाते हुए बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरुद्ध राज्यव्यापी अभियान जारी है जिसको लोगों का समर्थन मिला है।”

चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च विकास दर हासिल करने में समावेशी विकास के लक्ष्यों के साथ समझौता नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दलित-महादलित, आदिवासी, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के लिए विशेष कल्याणकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की रणनीति उन सभी नागरिकों को सशक्त बनाने की रही है जो तुलनात्मक रूप वंचित हैं और हाशिए पर हैं।

चौहान ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के प्रति संवेदनशील है और यह इसकी प्रमुख नीतियों का अभिन्‍न अंग है। सर्वप्रथम पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकाय तथा प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिला सशक्तीकरश की नींव रखी गई। उन्होंने ने बताया कि राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है। जीविका के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों के गठन से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है।

चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में बिहारी श्रमिक बिहार वापस लौटे। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से वापस आये मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई तथा इच्छुक लोगों को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं।

उन्होंने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धान्त के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखते हुए बिहार के विकास के लिए राज्य सरकार ने सुशासन के कार्यक्रम 2020-2025 के तहत सात निश्चय-2 को संपूर्ण राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 से इससे संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया जायेगा।

भाषा अनवर

प्रशांत

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