Dividend Tax Rules: क्या आपको पता है डिविडेंड पर टैक्स रूल्स? नहीं तो एक गलती और कटेगा 20% TDS, इस तरह नुकसान से बचें…
Dividend Tax Rules: क्या आपको पता है डिविडेंड पर टैक्स रूल्स? नहीं तो एक गलती और कटेगा 20% TDS, इस तरह नुकसान से बचें...
(Dividend Tax Rules, Image Credit: Meta AI)
- 10,000 से ज्यादा डिविडेंड पर 10% TDS कटता है।
- PAN न हो तो 20% TDS देना पड़ सकता है।
- टैक्स नियम इनकम टैक्स एक्ट 1961 की सेक्शन 194/195/196D में तय हैं।
Dividend Tax Rules: अकसर अपने निवेशकों को शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियां डिविडेंड यानी लाभांश देती है, जो एक तरह की एक्स्ट्रा इनकम होती है। लेकिन यह इनकम टैक्स फ्री नहीं है। डिविडेंड इनकम पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत टैक्स लगाया जाता है। खास बात यह है कि यह नियम घरेलू निवेशकों और NRI (अनिवासी भारतीयों) दोनों के लिए अलग-अलग तरह से लागू होते हैं।
डिविडेंड से पहले कटता है टैक्स
बहुत-सी कंपनियां साल में एक या एक से अधिक बार डिविडेंड घोषित करती हैं। लेकिन, निवेशक तक पैसा पहुंचने से पहले ही कंपनी इस पर तय टैक्स काट लेती है, जिसे TDS (Tax Deducted at Source) कहा जाता है। हालांकि TDS तब ही काटा जाता है जब डिविडेंड की राशि एक तय सीमा से अधिक हो।
टैक्स किस सेक्शन के तहत लगता है?
डिविडेंड पर टैक्स सेक्शन 194 के अंतर्गत आता है। 1 अप्रैल 2020 से लागू नए नियमों के अनुसार, कंपनियों को डिविडेंड जारी करते समय TDS काटना अनिवार्य है। लेकिन कटौती की दर और शर्तें इस बात पर डिपेंड करता है कि निवेशक भारत में रह रहा है या विदेशी नागरिक है।
भारतीय निवेशकों के लिए नियम
अगर आप भारत में रहकर निवेश कर रहे हैं, तो आपके डिविडेंड पर 10% की दर से TDS काटा जाएगा। इसके लिए यह आवश्यक है कि आपका PAN कार्ड डीमैट अकाउंट से जुड़ा हो। अन्यथा, यदि PAN उपलब्ध नहीं है, तो TDS की दर 20% तक बढ़ सकती है।
इन स्थितियों में नहीं कटेगा टैक्स
अगर डिविडेंड की कुल राशि 10,000 रुपये से कम है, तो TDS नहीं काटा जाएगा। यदि आप पात्र हैं और समय रहते फॉर्म 15G या 15H जमा करते हैं, तो भी TDS से छूट मिल सकती है। हालांकि, इसे स्वीकार करना कंपनी पर निर्भर करता है।
NRI निवेशकों के लिए नियम क्या हैं?
अगर आप NRI हैं, तो आपके डिविडेंड पर टैक्स सेक्शन 195 या 196D के तहत लागू होगा। इस स्थिति में कंपनियां 20% TDS के साथ सरचार्ज और सेस भी काटेगी। यही नियम विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) पर भी लागू होता है।
डिविडेंड आय भले ही बोनस जैसी लगे, लेकिन टैक्स नियमों को नजरअंदाज करना आपको महंगा पड़ सकता है। सही दस्तावेज देना, PAN से लिंक रहना और पात्रता के अनुसार फॉर्म जमा करना जरूरी है ताकि आप अधिक TDS कटने से बच सकते हैं।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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