HDFC Bank Share Price: 62% की गिरावट, क्या सचमुच में HDFC बैंक के शेयर हुए धड़ाम? जानिए सच्चाई

HDFC Bank Share Price: 62% की गिरावट, क्या सचमुच में HDFC बैंक के शेयर हुए धड़ाम? जानिए सच्चाई

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  • Publish Date - August 26, 2025 / 12:11 PM IST,
    Updated On - August 26, 2025 / 12:11 PM IST

(HDFC Bank Share Price, Image Credit: ANI News)

HIGHLIGHTS
  • HDFC बैंक के शेयर 62% गिरे, लेकिन ये सिर्फ बोनस का असर था।
  • 1:1 बोनस शेयर - हर एक शेयर पर एक फ्री मिला।
  • कुल निवेश मूल्य में कोई बदलाव नहीं हुआ।

HDFC Bank Share Price: मंगलवार, 26 अगस्त को शेयर बाजार में उस समय हलचल मच गई जब एचडीएफसी बैंक के शेयरों में 62% तक की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि यह गिरावट बाजार में घबराहट का कारण बनी रही, लेकिन वास्तव में यह कोई नकारात्मक घटना नही था, बल्कि 1:1 बोनस इश्यू के कारण हुआ एक तकनीकी मूल्य समायोजन था। इस समायोजन का मकसद शेयर की तरलता बढ़ाना और उसे छोटे निवेशकों के लिए सुलभ बनाना है।

बोनस इश्यू और इसका प्रभाव क्या है?

बोनस इश्यू में कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को उनके पास मौजूद प्रत्येक शेयर के बदले एक नया शेयर देती है। एचडीएफसी बैंक ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए हैं, जिसका मतलब है कि हर एक मौजूदा शेयर पर एक अतिरिक्त शेयर मिला है। इस प्रक्रिया में शेयर की कीमत को आधा कर दिया जाता है, जिससे शेयर की कुल संख्या दोगुनी हो जाती है। हालांकि, कंपनी का मार्केट कैप और शेयरधारकों की कुल होल्डिंग वैल्यू में कोई बदलाव नहीं होता है।

बोनस समायोजन का परिणाम

इस बोनस इश्यू के बाद HDFC बैंक का शेयर भाव पिछले बंद भाव की तुलना में 62% कम होकर खुला और 982.20 रुपये से 986.30 रुपये के बीच कारोबार करता रहा। यह कोई गिरावट नहीं बल्कि बोनस समायोजन का परिणाम है, जिससे निवेशकों की संपत्ति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

बोनस इश्यू से कंपनी की प्रतिबद्धता जाहिर

बोनस शेयर जारी करना कंपनी की दीर्घकालिक आय क्षमता और शेयरधारक हितों में भरोसे को दर्शाता है। एचडीएफसी बैंक का यह कदम शेयर को रिटेल निवेशकों के लिए और अधिक सुलभ बनाता है, जिससे कंपनी का निवेशक आधार व्यापक होता है।

बोनस शेयर की रिकॉर्ड तिथि

बोनस शेयरों के लिए रिकॉर्ड तिथि 26 अगस्त 2025 तय की गई थी, मतलब जिन निवेशकों ने 25 अगस्त तक शेयर खरीदे थे, वे इस बोनस शेयर पाने के हकदार हैं। बाजार के T+1 निपटान चक्र को ध्यान में रखते हुए निवेशकों को यह लेन-देन समय पर पूरा करना आवश्यक था।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

क्या वाकई HDFC बैंक के शेयरों में 62% गिरावट आई है?

नहीं, यह गिरावट असल में 1:1 बोनस इश्यू के कारण हुआ तकनीकी मूल्य समायोजन था। निवेशकों को किसी असली नुकसान की जरूरत नहीं है।

बोनस इश्यू का मतलब क्या होता है?

बोनस इश्यू में कंपनी अपने मौजूदा शेयरधारकों को हर एक शेयर के बदले एक अतिरिक्त शेयर देती है, जिससे शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है, लेकिन कीमत आधी।

क्या इस समायोजन से निवेशकों को कोई नुकसान हुआ?

नहीं, निवेशकों के पास शेयर दोगुने हो गए हैं और कुल मूल्य वैसा ही रहा है। यह सिर्फ प्राइस एडजस्टमेंट है, न कि असली गिरावट।

HDFC बैंक का यह बोनस इश्यू क्यों किया गया?

इसका मकसद शेयर को छोटे निवेशकों के लिए सुलभ बनाना और तरलता (liquidity) बढ़ाना है, जिससे अधिक लोग इसमें निवेश कर सकें।