(IEX Share Crash, Image Credit: IBC24 News Customize)
IEX Share Crash: आज भारतीय ऊर्जा बाजार में बड़ा बदलाव आया है, जिससे इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है। केंद्रीय नियामक विद्युत आयोग ने डे-अहेड मार्केट (DAM) के साथ पावर कपलिंग के कार्यान्वयन को मंजूरी दी है। इस फैसले के बाद IEX के शेयर आज सुबह 10 फीसदी की गिरावट के साथ लोवर सर्किट पर ओपन हुआ और दिन के कारोबार के दौरान 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली।
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के शेयर में इस बड़ी गिरावट का कारण सरकार का यह नया नियम है, जिसके तहत जनवरी 2026 तक डे-अहेड मार्केट को पावर कपलिंग सिस्टम के जरिए एकीकृत किया जाएगा। इस नई व्यवस्था में देश के सभी पावर एक्सचेंज राउंड-रॉबिन बेसिस पर मार्केट कपलिंग ऑपरेटर की भूमिका निभाएंगे।
IEX के शेयरों में आई इस बड़ी गिरावट के पीछे सरकार का यह नया नियम है, जिसके तहत जनवरी 2026 तक डे-अहेड मार्केट को पावर कपलिंग सिस्टम के तहत एकीकृत किया जाएगा। इस नई व्यवस्था में देश के सभी पावर एक्सचेंज राउंड-रॉबिन बेसिस पर मार्केट कपलिंग ऑपरेटर के रूप में काम करेंगे।
मार्केट कपलिंग एक ऐसा मॉडल है जिसमें देश के सभी पावर एक्सचेंजों की खरीद-फरोख्त की बोलियों को एक साथ मिलाकर एक समान बाजार मूल्य तय किया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि बिजली का कारोबार अब सभी एक्सचेंजों में एक ही कीमत पर होगी। इस नई व्यवस्था से बिजली की खरीद-बिक्री एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म पर होगी, जहां खरीदारों और विक्रेताओं की बोलियां एकत्र कर उनकी मैचिंग की जाएगी। हालांकि इस मॉडल का उपयोगकर्ता पर तत्काल कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन दीर्घकालिक नजरिये से यह बिजली की कुल कीमतों को कम कर सकता है। जिससे उपभोक्ताओं को फायदा हो सकता है।
पावर कपलिंग के लागू होने से IEX जैसे एक्सचेंजों की स्वतंत्रता और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ सीमित हो जाएंगे। एक्सचेंज अब केवल एक माध्यम बनकर रह जाएंगे, जहां बिजली की बोलियां इकठ्ठा और मैच की जाएंगी, जिससे उनकी मार्केट शेयरिंग और मुनाफे पर प्रभाव पड़ सकता है। इस बदलाव के फलस्वरूप आज IEX के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली, जो निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। अब यह देखना होगा कि इस नई प्रणाली से भारतीय ऊर्जा बाजार पर क्या असर पड़ता है और IEX की स्थिति कैसी रहती है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।