LIC Housing Finance Share: 22% की गिरावट से डरें नहीं, कमाई के लिए तैयार रहें! ये स्टॉक बदल सकती है किस्मत
LIC Housing Finance Share: 22% की गिरावट से डरें नहीं, कमाई के लिए तैयार रहें! ये स्टॉक बदल सकती है किस्मत
(LIC Housing Finance Share, Image Credit: Meta AI)
- 22% की गिरावट के बावजूद, लंबी अवधि के लिए बेहतर अवसर।
- FY26 में 10-12% लोन ग्रोथ का अनुमान।
- LIC जैसी मजबूत पैरेंट कंपनी से स्थायित्व।
LIC Housing Finance Share: एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस (LICHF) भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में से एक है, जो अधिकतर सैलरीड लोगों को होम लोन प्रदान करती है। इसका AUM 3 लाख करोड़ रुपये के ऊपर है और रिटेल लोन इसकी कुल लोन बुक का 95 फीसदी हिस्सा हैं। लेकिन, इस कंपनी के शेयर ने बीते एक साल में करीब 22% की गिरावट दर्ज की गई है, जबकि इसी दौरान Nifty 50 ने 4% से अधिक रिटर्न दिया है।
LICHF की एसेट क्वालिटी में सुधार
वहीं, कोविड के असर से उबरने के बाद एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस की एसेट क्वालिटी में सुधार आया है। FY25 में लोन डिस्बर्समेंट में 9% की वृद्धि रही और FY26 में कंपनी 10-12% की ग्रोथ का अनुमान जता रही है। हालांकि पिछले दो वर्षों में कंपनी को 1,800 से 2,000 करोड़ रुपये तक का लोन राइट-ऑफ करना पड़ा है, लेकिन लोन बुक का बड़ा हिस्सा इंडिविजुअल और सैलरीड ग्राहकों से आता है, जिसे बहुत कम रिस्क वाला माना जाता है।
ये स्टॉक अंडरवैल्यूड है?
बुधवार 9 जुलाई 2025 को एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का शेयर 604.25 रुपये पर था, जबकि इसकी ट्रेलिंग बुक वैल्यू 660 रुपये है। FY27 की अनुमानित बुक वैल्यू के मुकाबले यह केवल 0.7 गुना पर ट्रेड हो रहा है। कंपनी की पैरेंट LIC और मजबूत ब्रांड इमेज इसे स्थायित्व प्रदान करती है। एक्सपर्ट मानना हैं कि इस शेयर का वैल्यूएशन कम से कम 1x फॉरवर्ड बुक वैल्यू होना चाहिए।

लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए गोल्डन चांस
अगर आप लॉन्ग टर्म के निवेशक हैं, तो यह गिरावट आपके लिए गोल्डन चांस हो सकता है। मजबूत ब्रांड, सैलरीड लोन में ज्यादा हिस्सेदारी और बेहतर एसेट क्वालिटी इसे एक भरोसेमंद निवेश बनाता है। विशेषज्ञ का मानना है कि मौजूदा स्तरों से शेयर में उछाल आ सकती है और यह आपके पोर्टफोलियो की किस्मत बदल सकता है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।ढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

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