(Nifty Outlook Today, Image Credit:ANI News)
Nifty Outlook Today: पिछले कारोबारी सत्र मंगलवार को निफ्टी 24,800 के नीचे फिसलकर 14 अगस्त के बाद से सबसे निचले स्तर पर बंद हुआ। ऐसे में निवेशकों की नजर अब आज 28 अगस्त के बाजार पर टिक गई है। ऐसे में एक्सपर्ट की नजर में आज निफ्टी की चाल कैसी रह सकती है और कौन से स्तर अहम रहेंगे।
बुधवार को गणेश चतुर्थी की छुट्टी से पहले मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी। निफ्टी 24,800 के अहम सपोर्ट को तोड़ते हुए 256 अंक फिसलकर 24,712 के स्तर पर बंद हुआ, जो 14 अगस्त के बाद का सबसे निम्न स्तर है। इसके साथ ही इंडेक्स अपने 50-दिन के EMA से भी नीचे पहुंच गया, जो बाजार के लिए निगेटिव संकेत है।
मंगलवार, 26 अगस्त का दिन ओवरऑल मार्केट के लिए बेहद कमजोर रहा, लेकिन ऑटो और FMCG सेक्टरों ने थोड़ी सपोर्ट देने की कोशिश की। आयशर मोटर्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति और आईटीसी जैसे हैवीवेट्स ने गिरावट को कुछ हद तक थामा। इसके विपरीत श्रीराम फाइनेंस, सन फार्मा और टाटा स्टील जैसे स्टॉक्स दिन के सबसे बड़े लूजर्स साबित हुए।
बाजार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह रही अमेरिका द्वारा भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लागू करना, जिससे कुल शुल्क 50% हो गया। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेड गवर्नर लिसा कुक को बर्खास्त कर दिया और चिप एक्सपोर्ट को लेकर अन्य देशों को धमकी दी, जिससे ग्लोबल सेंटिमेंट पर प्रभाव पड़ा। इन घटनाओं से निवेशकों सतर्क हो गए हैं।
गुरुवार को एक्सपायरी सेशन और वैश्विक उतार-चढ़ाव के चलते बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। वहीं, अब निवेशकों की नजर इस पर रहेगी कि क्या अमेरिकी टैरिफ में कोई ढील मिलती है। अमेरिकी वित्त मंत्री ने सकारात्मक संकेत दिए हैं, जिससे उम्मीदें बढ़ गई हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के नागराज शेट्ठी के अनुसार, शॉर्ट-टर्म ट्रेंड कमजोर है। सपोर्ट लेवल 24,600 और 24,400 पर है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे के मुताबिक, करेक्शन 24,150 के स्तर तक जा सकता है जब तक निफ्टी 24,850 के नीचे ट्रेड करता है।
SAMCO सिक्योरिटीज के ओम मेहरा का मानना है कि जब तक निफ्टी 24,900-25,000 के लेवल को पार नहीं करता, तब तक तेजी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।