Option Trading: यदि पहली बार ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हैं? तो ये 3 स्मार्ट टिप्स अपनाएं और बड़े घाटे से बचें!

Option Trading: यदि पहली बार ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हैं? तो ये 3 स्मार्ट टिप्स अपनाएं और बड़े घाटे से बचें!

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  • Publish Date - June 15, 2025 / 12:23 PM IST,
    Updated On - June 15, 2025 / 12:23 PM IST
(Option Trading, Image Credit: Meta AI)

(Option Trading, Image Credit: Meta AI)

HIGHLIGHTS
  • ऑप्शन को 3 दिन से ज्यादा न होल्ड करें।
  • वोलैटिलिटी खत्म होते ही प्रीमियम गिरता है।
  • समय, वोलैटिलिटी और प्राइस - तीनों का ध्यान रखें।

Option Trading: ऑप्शन ट्रेडिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जो जितना लाभदायक दिखता है, उतना ही काफी चुनौतीपूर्ण भी हो सकता है। इसमें कम निवेश में ज्यादा मुनाफा कमाने की संभावना होती है, लेकिन कई नए निवेशक कुछ ही दिनों में इससे निराश होकर बाहर निकल जाते हैं। इसका मुख्य कारण ऑप्शन ट्रेडिंग को स्टॉक ट्रेडिंग की तरह समझ लेना है। जबकि हकीकत यह है कि ऑप्शंस के दाम सिर्फ शेयर की कीमतों पर नहीं, बल्कि कुछ और महत्वपूर्ण कारको पर भी निर्भर करता है। आप इस टिप्स जरिए बड़े नुकसान से बच सकते हैं।

ज्यादा समय तक होल्ड करने से बचें

ऑप्शन के प्रीमियम में समय के साथ धीरे-धीरे गिरावट आना तय है, इसे ‘टाइम डिके’ कहते हैं। अगर आपने कोई ऑप्शन खरीदा है और उसे लंबे समय या 3 दिन से ज्यादा तक होल्ड करते हैं, तो प्रीमियम की वैल्यू बिना किसी बाजार हलचल के भी कम हो सकती है। इसलिए सलाह है कि खरीदे गए ऑप्शंस को 3 दिन से ज्यादा होल्ड न रखें और एक ‘टाइम स्टॉप लॉस’ जरूर सेट करें।

वोलैटिलिटी का रखें ध्यान

ऑप्शन की कीमतों पर स्टॉक की अनिश्चितता (वोलैटिलिटी) का सीधा प्रभाव पड़ता है। अगर किसी स्टॉक या इंडेक्स से जुड़ा बड़ा इवेंट यानी कंपनी के नतीजे या सरकारी पॉलिसी जैसे आने वाले हो तो उस दौरान ऑप्शन की कीमतें अधिक हो जाती हैं। लेकिन जैसे ही इवेंट खत्म होता है, कीमतें तेजी से गिर सकती हैं। बेहतर यही है कि इवेंट से पहले खरीदें और इवेंट से पहले ही बेच दें, ताकि नुकसान को टाला जा सके।

स्ट्राइक प्राइस का चुनाव सोच-समझकर करें

प्रत्येक ऑप्शन एक स्ट्राइक प्राइस के साथ आता है और यह तय करता है कि स्टॉक के मूव पर ऑप्शन की कीमत कैसे रिएक्ट करेगी। बहुत दूर के स्ट्राइक प्राइस सस्ते तो होते हैं, लेकिन इनका प्रीमियम स्टॉक की हलचल पर धीरे-धीरे बदलता है। अगर आप सही मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो ऐसे ऑप्शंस चुनें जो स्टॉक के मौजूदा भाव के सबसे नजदीक हों, इससे हर मूव का पूरा असर प्रीमियम में दिखाई देगा।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है?

ऑप्शन ट्रेडिंग एक डेरिवेटिव ट्रेडिंग तरीका है, जिसमें आप भविष्य की तारीख में किसी स्टॉक या इंडेक्स को तय कीमत पर खरीदने या बेचने का अधिकार खरीदते हैं।

नए निवेशकों को ऑप्शन खरीदने के लिए कितनी पूंजी चाहिए?

ऑप्शन बायिंग में स्टॉक ट्रेडिंग के मुकाबले कम पूंजी लगती है, लेकिन जोखिम भी ज्यादा होता है।

स्ट्राइक प्राइस कैसे चुनें?

ऐसा स्ट्राइक प्राइस चुनें जो स्टॉक के मौजूदा प्राइस के करीब हो, ताकि मूवमेंट का असर ऑप्शन प्रीमियम पर दिखे और मुनाफा ज्यादा मिले।