(Share Market Updates 16 June, Image Credit: IBC24 News Customize)
Share Market Updates 16 June: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव के कारण ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बनी हुई है। इस माहौल में भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 50 सोमवार को सतर्क रूख के साथ खुल सकते हैं। हालांकि, पिछले सप्ताह वॉल स्ट्रीट की गिरावट के बाद आज एशियाई बाजारों में हल्की मजबूती देखने को मिली है, जिससे कुछ हद तक पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं।
पिछले कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को घरेलू बाजार में बिकवाली का दबाव देखने को मिला। सेंसेक्स 573.38 अंक या 0.70% लुढ़ककर 81,118.60 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 में 169.60 अंक या 0.68% की गिरावट आई और यह 24,718.60 पर बंद हुआ।
मध्य पूर्व के तनावपूर्ण हालात के बावजूद, सोमवार को एशियाई शेयर बाजारों में मामूली तेजी देखी गई। जापान के बाहर एशिया-प्रशांत क्षेत्र के लिए एमएससीआई का मुख्य इंडेक्स 0.1% तेजी पर रहा। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.87% चढ़ा और टॉपिक्स इंडेक्स में 0.92% की मजबूती आई है। दक्षिण कोरिया के कोस्पी और कोस्डैक सूचकांक भी क्रमशः 0.55% और 0.31% की बढ़त के साथ कारोबार करते नजर आ रहे हैं। वहीं, हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स कमजोर शुरुआत के संकेत दे रहा था।
गिफ्ट निफ्टी फ्यूचर्स सोमवार को 24,772 के लेवल के करीब ट्रेड करता दिखा, जो पिछले बंद कीमत से लगभग 45 अंकों का प्रीमियम दर्शाता है। इससे घरेलू बाजार में सकारात्मक शुरुआत की संभावना जताई जा रही है।
दरअसल, शुक्रवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में तेज गिरावट देखी गई। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1.79% टूटकर 42,197.79 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 में 1.13% की गिरावट आई और यह 5,976.97 पर बंद हुआ, जबकि टेक-हैवी नैस्डैक 1.30% फिसलकर 19,406.83 पर आ गया।
इजरायल और ईरान के बीच टकराव और मिसाइल हमलों की खबरें फिर सामने आ रही हैं। इजरायली सेना ने सोमवार को दावा किया कि ईरान से एक और मिसाइल बैराज छोड़ा गया है। वहीं, ईरान ने आरोप लगाया कि इजरायल ने उसकी तेल रिफाइनरियों और रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाया।
मध्य पूर्व के हालात की वजह से तेल आपूर्ति में रुकावट की आशंका बढ़ गई है। ब्रेंट क्रूड 0.24% की तेजी के साथ 74.41 डॉलर प्रति बैरल और WTI क्रूड 0.37% बढ़कर 73.25 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया।
इस सप्ताह में निवेशकों की नजर कई अहम कारकों पर रहेगी। इनमें इजरायल-ईरान संघर्ष से जुड़ी भू-राजनीतिक घटनाएं, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर नीति, विदेशी निवेशकों का रुख, कच्चे तेल के दामों की दिशा और प्रमुख आर्थिक संकेतक आदि शामिल हैं। इन सभी कारकों का असर भारतीय शेयर बाजार की चाल पर साफ तौर पर देखने को मिल सकता है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।