(Stock Mareket Today 11 Dec/ Image Credit: ANI News)
नई दिल्ली: Stock Mareket Today 11 Dec: ग्लोबल माहौल और फेडरल रिजर्व के ताजा फैसले ने 11 दिसंबर गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में दमदार खुलने की उम्मीद को मजबूत किया है। फेड ने लगातार तीसरी बार 0.25 बीपीएस की कटौती की, जिससे इसकी बेंचमार्क ब्याज दर घटकर लगभग 3.6% पर आ गई। यह करीब तीन साल का निचला स्तर है। हालांकि, फेड ने यह भी संकेत दिया है कि आगे नरमी पर विराम लग सकता है।
फेड के फैसले के तुरंत बाद एशियाई शेयर बाजारों में उछाल देखने को मिला, जिसने भारतीय इक्विटी के लिए भी अनुकूल माहौल तैयार किया। एमएससीआई एशिया पैसिफिक इंडेक्स 0.5% चढ़ा, जबकि हैंग सेंग फ्यूचर्स, टॉपिक्स और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 भी ग्रीन स्तर में रहे।
गिफ्ट निफ्टी फ्यूचर्स भी उसी उत्साह को दर्शाता दिखा और 25,966 स्तर के आसपास ट्रेड कर रहा था। यह निफ्टी फ्यूचर्स के पिछले बंद से 131 अंकों ऊपर रहा, जो निफ्टी 50 और सेंसेक्स दोनों के लिए मजबूती भरी शुरुआत का संकेत देता है।
इससे एक दिन पहले, 10 दिसंबर बुधवार को भारतीय बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट दर्ज हुई। सेंसेक्स इंट्राडे दौरान 85,020 के उच्च स्तर तक गया, लेकिन भारी मुनाफावसूली के बीच 629 अंक फिसल गया और अंत में 84,391 पर बंद हुआ। निफ्टी 50 भी 82 अंकों की गिरावट के साथ 25,758 पर बंद हुआ।
अमेरिकी बाजार बुधवार को बढ़त के साथ बंद हुए। एसएंडपी 500 में 0.67% की तेजी रही, जबकि डॉउ जोंस 1% से अधिक चढ़ा। नैस्डैक ने भी सकारात्मक बंदी दर्ज की, क्योंकि निवेशक मान रहे हैं कि फेड की संभावित पॉलिसी स्टॉप के बाद भी धीमी गति से आसानी जारी रह सकती है।
फेड की दर कटौती के बाद अमेरिकी डॉलर मुख्य मुद्राओं के मुकाबले कमजोर पड़ा। स्विस फ्रैंक, येन और यूरो के मुकाबले डॉलर गिरा। इसके साथ ही सोने की कीमतों में नई तेजी देखी गई। स्पॉट गोल्ड 0.3% उछलकर 4,242 डॉलर प्रति औंस पर पहुंचा, जबकि चांदी भी 113% की सालाना तेजी के साथ ऊंचाई पर बनी रही।
अमेरिका द्वारा वेनेजुएला के तट पर एक स्वीकृत टैंकर पकड़े जाने के बाद तेल की कीमतें दूसरे दिन भी चढ़ीं। ब्रेंट क्रूड 0.4% चढ़कर 62.48 डॉलर प्रति बैरल और WTI 0.6% बढ़कर 58.79 डॉलर तक पहुंच गया, जिससे ऊर्जा बाजार में हरे संकेत कायम रहे।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।