Zomato Share Price: जोमैटो ने त्योहारी सीजन में बढ़ाया चार्ज, अब ग्राहकों को हर ऑर्डर पर देना होगा इतना शुल्क?

Zomato Share Price: जोमैटो ने त्योहारी सीजन में बढ़ाया चार्ज, अब ग्राहकों को हर ऑर्डर पर देना होगा इतना शुल्क?

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  • Publish Date - September 3, 2025 / 02:29 PM IST,
    Updated On - September 3, 2025 / 02:29 PM IST

(Zomato Share Price, Image Credit: ANI News)

HIGHLIGHTS
  • जोमैटो ने 'वीआईपी मोड' का ट्रायल शुरू किया।
  • प्लेटफॉर्म फीस 10 से बढ़ाकर 12 रुपये हुई।
  • 2 साल में फीस 6 गुना बढ़ी।

Zomato Share Price: जोमैटो ने कुछ क्षेत्रों में 50 रुपये वाले ‘वीआईपी मोड’ का ट्रायल शुरु किया है। इस सेवा के तहत ग्राहकों को तेज डिलीवरी, प्राथमिकता वाले राइडर्स और टॉप यूजर्स के लिए खास उच्च स्तरीय शैली की सुविधा दी जाएगी। यह सुविधा बेहतर अनुभव और प्रीमियम सेवा की दिशा में अहम है।

Zomato Share Price: देश की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो ने एक साल बाद अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में बढ़ोतरी की है। अब ग्राहकों को हर ऑर्डर पर 12 रुपये प्लेटफॉर्म फीस चुकानी होगी, जो पहले 10 रुपये थी। कंपनी ने बताया कि यह बढ़ी हुई फीस फिलहाल देश के 40% हिस्सों में लागू की गई है और धीरे-धीरे इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

2 साल में बढ़ा 6 गुना शुल्क

दरअसल, प्लेटफॉर्म शुल्क की शुरुआत अप्रैल 2023 में सिर्फ 2 रुपये से हुई थी, लेकिन पिछले दो वर्षों में यह शुल्क 6 गुना बढ़कर 12 रुपये प्रति ऑर्डर तक पहुंच गया है। जोमैटो इस शुल्क को डिलीवरी चार्ज, रेस्टोरेंट फीस जैसे अन्य शुल्कों के अतिरिक्त लगाया जाने वाला शुल्क है। वहीं, कंपनी का तर्क है कि यह शुल्क संचालन लागत और तकनीकी निवेश को कवर करने में मदद करता है।

मांग बढ़ने से मिलेगा फायदा

त्योहारी सीजन के दौरान ऑर्डर में तेजी आती है। जोमैटो प्रतिदिन करीब 2.3 से 2.5 मिलियन ऑर्डर डिलीवर करता है। 12 रुपये प्रति ऑर्डर के हिसाब से कंपनी को रोजाना लगभग 3 करोड़ रुपये की आय हो सकती है, जो पहले 2.5 करोड़ रुपये थी। इसका मतलब है कि प्लेटफॉर्म शुल्क में मामूली बढ़ोतरी से कंपनी को प्रति तिमाही में करीब 45 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हो सकती है।

स्विगी ने भी शुल्क बढ़ाया

जोमैटो की प्रतिस्पर्धी कंपनी स्विगी ने भी अपने प्लेटफॉर्म शुल्क में 2 रुपये का इजाफा किया है, जिससे अब उसका शुल्क प्रति ऑर्डर 14 रुपये हो गया है। यह कदम भी त्योहारी सीजन के दौरान ट्रैफिक और ऑर्डर वॉल्यूम से ज्यादा मुनाफा कमाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

ग्राहक पर थोड़ा प्रभाव लेकिन कंपनी को बड़ा फायदा

हालांकि, 2 रुपये की बढ़ोतरी ग्राहक को बहुत छोटी कीमत लग रही है, लेकिन बड़ी संख्या में होने वाले लेन-देन जोमैटो जैसी कंपनियों की कमाई में बड़ी भूमिका निभा सकती है। प्लेटफॉर्म फीस अब कंपनियों के लिए एक बड़ा रेवेन्यू मॉडल बन चुका है।

नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।

जोमैटो का 'वीआईपी मोड' क्या है?

'वीआईपी मोड' एक प्रीमियम सेवा है, जिसमें 50 रुपये देकर तेज डिलीवरी, प्राथमिकता वाले राइडर्स और टॉप यूज़र्स के लिए कंसीयज-स्टाइल सुविधा मिलती है।

प्लेटफॉर्म शुल्क क्या है और यह क्यों लिया जाता है?

प्लेटफॉर्म शुल्क एक अतिरिक्त शुल्क है, जो डिलीवरी, टैक्स और रेस्टोरेंट फीस के अलावा लिया जाता है। इसका उद्देश्य संचालन लागत और तकनीकी निवेश को पूरा करना है।

प्लेटफॉर्म शुल्क कितना बढ़ा है?

अप्रैल 2023 में 2 रुपये से शुरू हुआ यह शुल्क अब बढ़कर 12 रुपये प्रति ऑर्डर हो गया है।

नई प्लेटफॉर्म फीस कहां लागू की गई है?

वर्तमान में यह बढ़ी हुई फीस देश के 40% क्षेत्रों में लागू की गई है। इसे धीरे-धीरे पूरे भारत में लागू किया जाएगा।